‘वाराही’ के मंच पर देश भर से एकत्रित प्रतिष्ठित काव्य मनीषियों के साथ सम्पन्न हुआ विराट काव्योत्सव

कोलकाता। महानगर की साहित्यिक संस्था ‘वाराही’ द्वारा एक विराट कवि सम्मलेन का आयोजन कोलकाता आर्डिनेंस क्लब में किया गया जिसमें समूचे देश के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित कवियों एवं कवयित्रियों ने अपने काव्य का भरपूर जलवा बिखेरा। दिनेश रघुवंशी की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधानसभा सदस्य एवं महापौर जीतेन्द्र तिवारी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता नवनीता चक्रवर्ती ने उपस्थित होकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। संचालन का भार सम्भाला सर्वेश अस्थाना एवं संस्था की अध्यक्ष नीता अनामिका ने। कार्यक्रम का शुभारम्भ नीता अनामिका द्वारा स्वागत भाषण, सर्वेश अस्थाना द्वारा गणेश वन्दना एवं डॉ. सोनरूपा विशाल द्वारा सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति के साथ हुआ।

उसके बाद नीता अनामिका ने अपनी कविता ‘हे सौरमंडल के स्थलीय लाल गृह’ सुनाते हुए एक ऐसे अभूतपूर्व कार्यक्रम का आग़ाज़ किया, जिसमें देश भर के गणमान्य रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से सभी का मन मोह लिया। इन रचनाओं में, तुषार धवल की ‘इसमें सत्य नहीं है’, पूजा यक्ष की ‘नैनों की इक भाषा है’, जीतेन्द्र तिवारी की ‘नए दन्त का आविष्कार’, गौरव शर्मा की ‘खिला हो फूल तो डाली भी भली लगती है’, सोनेट मंडल की अंग्रेजी कविता ‘ग्रैंडपा’स बारामदा’, बलराम श्रीवास्तव की ‘तुम तो पढ़ते रहे देह भूगोल को’, सोनरूपा विशाल की ‘देश अपना है जान से बढ़कर’ सर्वेश अस्थाना की ‘माँ बाप अपने विवाह योग्य बेटों को किराए पर उठाने लगे हैं’ एवं दिनेश रघुवंशी की ‘बड़े लोगों की औलादें तो कैंडल मार्च करती हैं, जो अपने प्राण देते हैं वो बेटे हैं किसानों के’ बेहद सराही गयी।

इस अवसर पर संस्था के संरक्षक प्रशांत अरोड़ा एवं सचिव अरुण कुमार भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के संयोजन का भार सम्भाला रामा कान्त सिन्हा, स्वागता बसु एवं आलोक चौधरी ने। इस कार्यक्रम में स्थानीय रचनाकारों को भी सम्मानित किया गया जिनके नाम हैं – नीता नामिका, श्यामा सिंह, रामनाथ यादव बेखबर, हीरालाल जयसवाल, रणविजय श्रीवास्तव, ज्ञान प्रकाश पांडे, नंदलाल रौशन, गजेन्द्र नाहटा, रामाकांत सिन्हा, स्वागता बसु, आलोक चौधरी, नंदू बिहारी, वन्दना पाठक, अमित अम्बस्ट, मनोज मिश्र, हिमाद्री मिश्रा, सुषमा राय पटेल, अल्पना सिंह, विकास ठाकुर, प्रदीप कुमार धानुक, शिप्रा मिश्रा, संचिता सक्सेना, उषा जैन, चन्द्र किशोर चौधरी, डॉ. उषा शॉ, रचना सरन, कंचन राय, अनुराधा सिंह, मंजू बैज, चन्द्रभानु गुप्त, सुषमा मिश्रा, अनु नेवटिया, इमरान रकीम, ललिता जोशी, दिलीप कुमार, सीमा शर्मा, मौसमी प्रसाद।

मंजू तिलक, प्रणति ठाकुर, जीवन सिंह, शफीकुद्दीन श्याम, उर्मिला साव, शकील गोंडवी, वी.अरुणा, डॉ. शाहिद फरोगी, संदीप गुप्ता, रवींद्र श्रीवास्तव, रास बिहारी गिरी, दिनेश चन्द्र प्रसाद, धर्मदेव सिंह, नीलू मेहरा, श्वेता गुप्ता श्वेताम्बरी, ओम प्रकाश चौबे, जगदम्बा सिंह, निशा कोठारी, रूपम महतो, अनीसा साबरी, जातिब हयाल, सुरेन्द्र सिंह, राम नारायण झा, कालिका प्रसाद उपाध्याय आदि। साथ ही कुछ नवांकुर कवियों को भी सम्मानित किया गया जिनके नाम हैं – निखिता पांडे, काजल शाह, ख़ुशी कटारुका, आदित्य राज सिंह, जयश्री झा, वैभव चौधरी, कृष कटारुका, सपना सेठ, वशिष्ठ रूंगटा, शकीबा अहमद, शशिकांत गुप्त, आयुष ओझा, रेशमी सेन शर्मा, जय प्रकाश बेज, राज घोष, पल्लवी पाठक, नितीश कुमार, आशा उपाध्याय एवं सपना खरवार। अंत में नीता अनामिका के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसंपन्न हुआ।

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