लखनऊ। प्रत्येक वर्ष की भांति स्टेट गैलरी ऑफ आर्ट हैदराबाद ने इस वर्ष चौथी अखिल भारतीय कला प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा हैं, जिसमें देश के अलग अलग राज्यों के कलाकारों ने अपनी कलाकृतियों को प्रतियोगिता में भेजा जिसमे से कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शनी और पुरस्कार के लिए चुना गया है। पुरस्कारों में 13 धनराशि पुरस्कार एवं 20 पुरस्कार एकल प्रदर्शनी के लिए चुना गया है। इन्ही पुरस्कृत कलाकारों में लखनऊ के युवा कलाकार धीरज यादव की कलाकृति को चुना गया है। धीरज को पुरस्कार के रूप में धनराशि, प्रसस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह दिया जायेगा।
धीरज को यह पुरस्कार 10 जून 2023 को हैदराबाद में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान दिया जायेगा। साथ लखनऊ से ही छापा कलाकार शोमनाथ सरकार, श्रद्धा तिवारी, नूतन किशोर निषाद, काजल को एकल कला प्रदर्शनी के लिए चयन किया गया है। ये सभी कलाकार वर्तमान में ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र के छापाकला कार्यशाला में कार्य कर रहे हैं।
भूपेंद्र कुमार अस्थाना चित्रकार व क्यूरेटर ने यह सुचना देते हुए बताया कि धीरज की कलाकृति शीर्षक “मिस्टिरीअस लाइन्स विद पेपर” जिसकी साइज 15×18 इंच मिक्स मिडिया माध्यम में पेपर के धरातल पर बनाया गया है।
इस कृति के बारे में धीरज बताते हैं कि हमारे कृतियों में भारतीय पौराणिक कथाएँ कहानियों, विश्वासों और परंपराओं का एक विशाल और जटिल संग्रह है जो पीढ़ियों से चली आ रही है। इसमें देवताओं, नायकों और प्राणियों की एक विविध श्रेणी शामिल है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताओं और महत्व है। भारतीय पौराणिक कथाओं के केंद्र में धर्म की अवधारणा है और इसने सदियों से कला और साहित्य के अनगिनत कार्यों को प्रेरित किया है। इसमें पेपर के कोलाज के साथ ही भारतीय डाक टिकट का भी इस्तेमाल कर अपने चित्र को एक अलग रुप मे प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।