कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तमाम प्रतिकूल हालातो के बावजूद 2021 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण 24 परगना के भांगड़ से जीत दर्ज करने वाले आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने अब लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाने का फैसला कर लिया है। पार्टी सूत्रों ने बताया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में आईएसएफ कम से कम 12 लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेगी। खास तौर पर मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा हुगली और हावड़ा की अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर किस्मत आजमाने की योजना है।
पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया है कि नौशाद सिद्दीकी ने इस संबंध में फुरपूरा शरीफ के पीरजादा समेत अन्य अल्पसंख्यक चेहरों से बात की है। ऐसे लोगों के साथ उनकी मीटिंग हुई है जो राज्य में अल्पसंख्यकों के वोट की दिशा तय करते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इससे अंतत: भारतीय जनता पार्टी को ही लाभ होने की उम्मीद है।
दरअसल राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के समय अल्पसंख्यकों का समग्र वोट तृणमूल कांग्रेस की झोली में ही जाता रहा है। लेकिन 2021 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से जिस तरह से नौशाद सिद्दीकी ने पूरे राज्य में तृणमूल के नाक में दम किया है उसके बाद अगर 2024 के विधानसभा चुनाव में वह मैदान में उतरते हैं तो निश्चित तौर पर यह अल्पसंख्यकों के वोट बैंक में बदलाव का एक कारण बन सकता है।
बहरहाल फिलहाल यह तय नहीं है कि कहां-कहां से पार्टी चुनाव लड़ेगी। लेकिन पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि राज्य के उन तमाम अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र में किस्मत आजमाने की योजना है जहां अल्पसंख्यक मतदाता चुनाव की दिशा तय करते हैं।