प्रेमचंद के साहित्य में स्त्री विमर्श के सारे आयाम मौजूद है: डॉ. हिमांशु कुमार

कोलकाता। कोलकाता के रानी बिड़ला गर्ल्स कॉलेज के हिंदी विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ

डॉ. आर.बी. दास की कविता : समय भूला नही बस मौन है

।।समय भूला नही बस मौन है।। डॉ. आर.बी. दास समय भूला नही बस मौन है,

ऊषा जैन उर्वशी की रचना : बोलो श्याम

।।बोलो श्याम।। ऊषा जैन उर्वशी झाँक धरा पे ओ कृष्ण कन्हाई कैसी स्वार्थ की आँधी

राजीव कुमार झा की कविता : चाय की प्याली

।।चाय की प्याली।। राजीव कुमार झा प्यार का मधुर तुम गीत गाकर सबको सुनाना जिंदगी

पुकार गाजीपुरी के दो काव्य संग्रह “शब्दों के फूल” व कलम को शोला बना के देखो” का लोकार्पण और कवि गोष्ठी का आयोजन

कोलकाता। हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय जमानिया, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश के सभागार में हिन्दी विभाग व सौरभ

डॉ. आर.बी. दास की कविता : खुश हूं

।।खुश हूं।। डॉ. आर.बी. दास जिंदगी है छोटी, हर पल में खुश हूं, काम में

चंद्र किरण की कविता : आतप

।।आतप।। चंद्र किरण आतप घन में है धरा, जलता जग है जान। बेचैनी अब बढ़

डॉ. आर.बी. दास की कविता : छोड़ दिया

।।छोड़ दिया।। डॉ. आर.बी. दास कुबूल है जिंदगी का हर तोहफा, मैने ख्वाहिशों का नाम

राजीव कुमार झा की कविता : सबके पास

।।सबके पास।। राजीव कुमार झा जिंदगी गम से सदा दूर होकर कहना सबके पास थोड़े

राजीव कुमार झा की कविता : गुमनाम

।।गुमनाम।। राजीव कुमार झा रोशन मन से फूलों के चेहरे गुमनाम बने प्यार के सपने