कोरोना महामारी में कुछ जिम्मेदारी आम नागरिकों की भी बनती है
कोरोना के इस संक्रमण काल में सिर्फ सरकार के भरोसे बैठे न रह कर बहुत
संक्रमित व्यक्ति या परिवार के साथ सामाजिक दूरी नहीं बल्कि शारीरिक दूरी बनाये
मौत का पर्याय बन चुके कोविड-19 महामारी से देश भर में जिस तरह से मौतों
मास्क के भरोसे पुलिस के जवानों को ड्यूटी पर लगा देना ठीक नहीं
कोविड़ के इस भयानक दौर में पिछले 14 महीनों से पूरे देश की पुलिस के
कोरोना : सिर्फ इंसानों को नहीं बल्कि इंसानियत भी कर रहा खत्म
कोविड-19 के चलते सिर्फ इंसान ही नहीं खत्म हो रहे हैं बल्कि इंसानियत भी
मूर्ख और लोभी मतदाता
यह हकीकत भारत के कमोबेश सभी गांवों या शहरों की है। ये तस्वीर पंचायत या
1 Comments
अपना गुणगान खुद करने वाले : डॉ लोक सेतिया
इसको पागलपन कहते हैं अपने मुंह मियां मिट्ठू बनना। हमारा कौमी तराना यही है शान
कोरोना काल और चुनाव
जैसे – जैसे बंगाल समेत 5 राज्यो में चुनाव समाप्ति की ओर है वैसे ही
कौन बनेगा मुख्यमंत्री? बंगाल में भाजपा जीती तो… ग्रामीण या शहरी पृष्ठभूमि के किस नेता को मिल सकती है कमान
जैसे जैसे बंगाल विधानसभा चुनाव का आखरी चरण नजदीक आ रहा है बंगाल समेत पूरे
राजनीतिक हिंसा रोकने को नई सरकार को दृढ़ इच्छाशक्ति से प्रशासनिक व पुलिस व्यवस्था में सुधार करना होगा
बंगाल में खूनी राजनीति की खेल की जडे़ इतनी मजबूत है कि यह खेल ख़त्म
जब पढ़ाई और काम ऑनलाइन हो सकता है तो चुनाव प्रचार क्यों नहीं?
होना तो यही चाहिए था कि निर्वाचन आयोग कोरोना की गंभीर स्थितियों को देखते हुए