कुण्डलिया
किसके सीने पर लगा, कितना गहरा घाव
धर्म लिंग गृह जाति से, तय करते हैं भाव
तय करते हैं भाव, स्तंभ सब संविधान के
परखच्चे दिन-रात, उड़ाते सम-विधान के
जहाँ न देखा लाभ, वहाँ से नेता खिसके
खेल रहे मी-लार्ड, हाथ में जाने किसके
डीपी सिंह
कुण्डलिया
किसके सीने पर लगा, कितना गहरा घाव
धर्म लिंग गृह जाति से, तय करते हैं भाव
तय करते हैं भाव, स्तंभ सब संविधान के
परखच्चे दिन-रात, उड़ाते सम-विधान के
जहाँ न देखा लाभ, वहाँ से नेता खिसके
खेल रहे मी-लार्ड, हाथ में जाने किसके
डीपी सिंह