डीपी सिंह की रचनाएं

अङ्ग-प्रदर्शन की मची, बालाओं में होड़
पर गिद्धों की आँत की, दिखती नहीं मरोड़
दिखती नहीं मरोड़, राज का राज़ न दिखता
बर्बादी का ताज, और आगाज न दिखता
ईश्वर की अनमोल, देन है तन-मन यौवन
रक्खो इसे सँभाल, करो मत अङ्ग-प्रदर्शन

–डीपी सिंह

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