तृणमूल से गठबंधन किया तो राज्य में कांग्रेस का साइन बोर्ड भी नहीं दिखेगा : विकाश रंजन

Kolkata Desk : CPM के नेता और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर विकाश रंजन भट्टाचार्य का कहना है कि कांग्रेस का तृणमूल से गठबंधन हुआ तो राज्य में कांग्रेस का साइन बोर्ड भी नहीं दिखेगा।तृणमूल और कांग्रेस के एक साथ आने पर वामपंथी राज्य में क्या करेंगे? के जबाब में उन्होंने उपरोक्त बातें कही।

उनके शब्दों में, ‘अगर कांग्रेस पेगासस के खिलाफ लड़ाई में तृणमूल को लेकर आगे बढ़ती है तो यह समझना चाहिए कि वे भविष्य के लिए अपनी कब्र खोद रहे हैं। क्योंकि पेगासस की मदद से तृणमूल इस राज्य के विभिन्न राजनीतिक नेताओं के फोन को सफलतापूर्वक टैप किया है।’

अभिषेक बंद्योपाध्याय का फोन भी Pegasus Spyware के निशाने पर था।रविवार को कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव की तस्वीर देकर मोदी सरकार पर हमला बोला गया था। ममता के दिल्ली दौरे से पहले इस ट्वीट को दोनो दलों के बीच दोस्ती के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
विकाश भट्टाचार्य की राय में कांग्रेस, तृणमूल के साथ बहुत दूर नहीं जा सकती है। पेगासस से लड़ने के लिए वामपंथियों को नेतृत्व करना होगा। वामपंथियों को साथ लेकर ही कांग्रेस भारतीय राजनीति में टिक पाएगी। जैसे पेगासस में अभिषेक का नाम है, वैसे ही मोदी के कुछ कैबिनेट सदस्यों का भी है, तो क्या उन्हें भी साथ लिया जाएगा? वैसे ही तृणमूल को साथ लेकर लड़ाई नहीं होगी।

2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया था। वह गठबंधन अभी टूटा नहीं है। लेकिन क्या दिल्ली में कांग्रेस-तृणमूल की दोस्ती बढ़ने से राज्य पर असर नहीं पड़ेगा? बिकाश के शब्दों में, ‘गठबंधन पर अस्थाई असर होने पर भी यह ज्यादा दूर नहीं जाएगा। पश्चिम बंगाल के कांग्रेसी जानते हैं कि उनकी पार्टी को तृणमूल ने निगल लिया है। गठजोड़ की गई तो राज्य में कांग्रेस का कोई साइनबोर्ड नहीं होगा। दिल्ली में दोस्ती करने वाले गलत कर रहे हैं।

तृणमूल और कांग्रेस करीब आने पर वामपंथी राज्य में क्या करेंगे? राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सीपीएम गठबंधन तोड़ने का फैसला नहीं करेगी। वहीं दक्षिण 24 परगना के जिला सचिव शमिक लाहिड़ी ने कहा, ‘कोई समीकरण नहीं है। हम अभी भी गठबंधन चाहते हैं, हमलोगों का गठबंधन है। ब्रिगेड में हुए संयुक्त मोर्चे में हमलोग अभी भी हैं। बाकी अटकलों की मुझे जानकारी नहीं है। कांग्रेस के किसी नेता ने हमें तृणमूल से गठबंधन के बारे में नहीं बताया है, इसलिए मैं कोई कमेंट नहीं करूंगा।’

कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य अभी गठबंधन पर टिप्पणी करने से कतरा रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस संभावना से इंकार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘राहुल का फोन काफी समय से टैप किया जा रहा है, अन्य राजनीतिक हस्तियों को नहीं छोड़ा गया। इसमें अभिषेक का नाम भी शामिल है। मैं इसका कड़ा विरोध करता हूं। जांच होनी चाहिए। मैंने संसद के अंदर और बाहर विभिन्न मुद्दों पर तृणमूल से लड़ाई लड़ी है और राजनीति का चेहरा कहाँ से कहाँ जा रहा है कोई भी पहले से दावे के साथ नहीं कह सकता है। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि नया समीकरण क्या होने वाला है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *