कविता में भार और धार के साथ वार भी होना चाहिए

राष्टृीय कवि संगम का द्वितीय प्रांतीय अधिवेशन संपन्न
रीमा पांडेय, कोलकाता : ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की धरोहर बड़ाबाजार लाइब्रेरी के लिए दिनांक 7 मार्च शुभांक 7 में बदल गया। रविवार को आचार्य विष्णुकांत शास्त्री सभागार में राष्ट्रीय कवि संगम की पश्चिम बंगाल इकाई का द्वितीय प्रांतीय अधिवेशन एवं एक सफलतम कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अधिवेशन दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन की अध्यक्षता राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान जगदीश मित्तल जी द्वारा की गई। मंच पर उपस्थित सम्मानित अतिथियों में राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय मंत्री दिनेश देवघरिया, प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय, चेयरमैन एवं डी एच टी सी इंडिया के सीएमडी के. के. बंसल, अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्यातिप्राप्त मोटिवेशनल स्पीकर सूर्या सिन्हा एवं सुप्रसिद्ध समाजसेवी के. के. सिंघानिया एवं डॉ. ऋषिकेश राय उपस्थित थे। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने दीप प्रज्वलित किया और माँ सरस्वती के चरणों में पुष्प अर्पित किया।

अधिवेशन का शुभारंभ रीमा पाण्डेय द्वारा मधुर स्वर में गाए सरस्वती वंदना से हुई। स्वागत भाषण ऋषिकेश राय द्वारा दिया गया एवं कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय मंत्री बलवंत सिंह ने किया। सुप्रसिद्ध मेटिवेशनल स्पीकर सूर्या सिन्हा ने कवियों की क्षमता का बखान करते हुए कहा कि कवि सिर्फ कविताओं से ही हमें परिचित नहीं करवाता है बल्कि उसकी कलम में इतनी ताकत होती है कि वह पूरे ब्रहमांड को अपने शब्दों में समेट लेता है। उनके संबोधन की सराहना लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से की।

काव्य पाठ करने वाले कवियों में सीमा सिंह, रामाकांत सिन्हा, रंजन मिश्रा, रीमा पाण्डेय, संजय शुक्ल, कामायनी संजय, देवेश मिश्रा, श्यामा सिंह, नंदलाल रोशन, निशंक उपाध्याय, मोहन चतुर्वेदी, शिवशंकर सिंह, रासबिहारी गिरि, विजय शर्मा, अनुराधा सिंह, सुषमा राय पटेल, सुदामी यादव, विष्णुप्रिया त्रिवेदी, चंद्रिका प्रसाद पांडे , नंदलाल रौशन, राम पुकार सिंह, ऋषभ द्विवेदी, विनय ओझा, कृष्ण कुमार दुबे, दीपा ओझा, पूजा दास, रवि बैठा, सागर शर्मा, सुशील कुमार, राम अवतार सिंह, अजय सिंह, निहारिका सिंह, ऋषभ त्रिवेदी मीना शर्मा, रजनी मुंधरा, रामप्रवेश प्रसाद, रंजीत प्रसाद, प्रेम शर्मा, रंजन कुमार मिश्रा, शकील गोंडवी, अंजलि मिश्रा, संजीव कुमार दुबे, नंदकिशोर झा, गजेंद्र नाहटा, शिव प्रकाश दास, मंजू बेज, दीपक सिंह, उमा अग्रवाल, विश्वरूप साह आदि थे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी ने कहा कि युवा रचनाकारों तथा क्षेत्रीय भाषा के कवियों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, उन्होंने उपहार स्वरूप प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरधर राय जी को एक मोतियों की माला पहनाई जो सबके बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा। राष्ट्रीय मंत्री दिनेश देवरिया ने अपनी कविता ‘जय काली कलकत्ते वाली’ के मनमोहक पाठ से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कवियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमें ऐसा लिखना चाहिए कि लोग कहें कि आप और पढ़िए हम सुनना चाहते हैं। प्रांतीय महामंत्री रामपुकार सिंह ने संस्था की गतिविधियों और भावी योजनाओं की जानकारी दी तथा सभी गणमान्य लोगों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्तल जी ने डॉ. गिरधर राय के संयोजन तथा कार्य प्रणाली की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र का शुभारंभ कामायनी संजय द्वारा किए गए राष्ट्र वंदना से हुआ।द्वितीय सत्र का संचालन डॉ.ए.पी राय, देवेश मिश्र, रीमा पांंडेय तथा सीमा सिंह ने किया। सभी कवियों को राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल एवं राष्ट्रीय मंत्री दिनेश देवघरिया द्वारा सम्मानित किया गया।

इसके पश्चात नगर के प्रायः 75 कवियों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ अपना काव्य पाठ किया। संगठन के सभी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। एनसीसी ने अतिथियों के स्वागत में प्रमुख भूमिका निभाई। कार्यक्रम में कोरोना काल के सभी नियमों का पालन किया गया। धन्यवाद ज्ञापन प्रांतीय सलाहकार संजय शुक्ल ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया।

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