डॉ. आर.बी. दास की रचना

कभी कांटो में कटेगी,
कभी बगीचों में,
ये जिंदगी है यारो,
पल पल घटेगी!
पाने को कुछ नहीं,
ले जाने को कुछ नहीं,
फिर भी क्यों चिंता करते हो,
इसमें सिर्फ खूबसूरती घटेगी,
ये जिंदगी है यारो,
पल पल घटेगी!
बार बार रफू करता हूं,
जिंदगी की जेब,
कमबख्त फिर भी निकल जाती है,
खुशियों के कुछ लम्हे,
जिंदगी में सारा झगड़ा ही ख्वाहिशों का है…
ना किसी को गम चाहिए,
ना किसी को कम चाहिए…

Dr. R.B. Das
Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission

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