।।जीवन का रहस्य।।
डॉ. आर.बी. दास
क्या खोजते हो दुनियां में,
जब सब कुछ तेरे अंदर है।
क्यों देखते हो औरों में,
जब तेरा मन ही दर्पण है।
दुनियां बस एक दौर नही,
तू भी अश्व नही हो धावक।
रुक कर खुद से बातें कर लो,
अंतर मन को शांत तो कर लो।
सपनों की गहराई समझो,
अपने अंदर की अच्छाई समझो।
स्वाध्याय की आदत डालो,
जीवन को तुम खुल कर जी लो।
आलस्य तुम्हारा दुश्मन है,
पुरुषार्थ को अपना दोस्त बनालो।
जीवन का ये रहस्य समझ लो,
और खुशियों से तुम नाता जोड़ो।
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