।।राही।।
डॉ. आर.बी. दास
जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे,
कहीं प्यार तो कही तकरार मिलेगा।
कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो,
कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा।
कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो,
कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा।
कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो,
कहीं भावनाओ में दुर्भाव मिलेगा।
कहीं बनेंगे पराए रिश्ते भी अपने तो,
कहीं अपनो से ही खिंचाव मिलेगा।
कहीं होगी खुशामदे चेहरे पर तो,
कहीं पीठ पे बुराई का घाव मिलेगा।
तू चलाचल राही अपने कर्तव्य पथ पर,
जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा।
रख स्वभाव में शुद्धता का स्पर्श तू,
अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा।
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