।।औरों के लिए जो जीता है।।
डॉ. आर. बी. दास
लगा सको तो बाग लगाओ,
आग लगाना मत सीखो।
जला सको तो दीप जलाओ,
दिल को जलाना मत सीखो।
कर सको तो काम करो,
नाम करना मत सीखो।
दे सको तो दान दे दो
जान को लेना मत सीखो।
सीखो तो कुछ ऐसा सीखो,
लाखों में तुम एक दिखो।
क्या मार सकेगी मौत उसे,
औरों के लिए जो जीता है।
मिलता है जहां का प्यार उसे,
औरों के आंसू जो पीता है…।
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