जलधारा वार्षिकोत्सव में बही कविताओं की धारा
कोलकाता। ढाकुरिया जलधारा हिंदी साहित्यिक संस्था (पंजीकृत) के तत्वावधान में संस्था के वार्षिकोत्सव और चैत्र
राजीव कुमार झा की कविता : चिंगारी
।।चिंगारी।। राजीव कुमार झा बागों के बाहर खामोश नजारा ढलती रात काली मतवाली प्यारी चिंगारी
भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव
।।उम्मीदवार से पहले मैं मतदाता दोषी हूं।। किशन सनमुखदास भावनानी फोकट की रेवड़ियां लेता हूं
नैहाटी: अन्तर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच और ‘पड़ाव’ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था का मासिक गोष्ठी एवं काव्य सम्मेलन संपन्न
नैहाटी। अन्तर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच नैहाटी इकाई और ‘पड़ाव’ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था के संयुक्त
भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव
।।मैं मतदाता मेरी सिर्फ चुनाव में पूछ परख होती है।। किशन सनमुखदास भावनानी मैं मतदाता
डॉ. आर.बी. दास की कविता : छोड़ दिया
।।छोड़ दिया।। डॉ. आर.बी. दास कुबूल है जिंदगी का हर तोहफा, मैने ख्वाहिशों का नाम
राजीव कुमार झा की कविता : सबके पास
।।सबके पास।। राजीव कुमार झा जिंदगी गम से सदा दूर होकर कहना सबके पास थोड़े
प्रसिद्ध साहित्यकार माला वर्मा की बहुप्रतीक्षित पुस्तक मायरा का विमोचन मायरा के हाथों
हाजीनगर, उत्तर चौबीस परगना। हिंदी में यात्रा संस्मरण के सर्वाधिक पुस्तकों की लेखिका, कवियत्री एवं
काँंचरापाड़ा कॉलेज हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित ‘हमारे समय में परसाई’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
कोलकाता। हिन्दी विभाग द्वारा हरिशंकर परसाई के जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय संगोष्ठी का
राजीव कुमार झा की कविता : गुमनाम
।।गुमनाम।। राजीव कुमार झा रोशन मन से फूलों के चेहरे गुमनाम बने प्यार के सपने