देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन

वाराणसी : सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति का ज्योतिष शास्त्र में भी बहुत महत्व है। इन्हे ‘गुरु’ के नाम से भी संबोधित किया जाता है। गुरु प्राकृतिक तौर पर लाभकारी ग्रह माने गए हैं और एक शुभ प्रवृत्ति वाले ग्रह हैं। ज्योतिष के अनुसार, जातकों की कुंडली में अन्य ग्रह भले ही ज्यादा अच्छी स्थिति में न हों लेकिन अगर बृहस्पति अच्छी और अनुकूल दशा में मौजूद हैं तो जातक आसानी से जीवन में आगे बढ़ने में सफल हो सकते हैं। इतना ही नहीं, कुंडली के जिस भाव पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है, उस भाव के नकारात्मक प्रभाव भी कम हो जाते हैं। देव गुरु बृहस्पति 13 महीने में राशि परिवर्तन करते हैं और इसे ज्योतिष में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। 22 अप्रैल 2023 को सुबह 3 बजकर 33 मिनट पर गुरु का मेष राशि में गोचर हुआ है, जिससे राशि चक्र की सभी राशियां प्रभावित होंगी।

गुरु के मेष में गोचर का वैश्विक प्रभाव :
भारत में लोगों का झुकाव धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ बढ़ेगा। इस गोचर के दौरान आध्यात्मिक ग्रंथों की खोज में भारत में आने वाले विदेशी टूरिस्ट की संख्या में वृद्धि देखने को मिल सकती है। तेल, घी, दूध और अन्य डेयरी उत्पादों की कीमतों में कमी आ सकती है। पूजा-पाठ में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें जैसे अगरबत्ती, फूल आदि चीजों का निर्यात बढ़ सकता है। यह गोचर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों जैसे काउंसलर, शिक्षक, अनुदेशक, प्रोफेसर के लिए अनुकूल प्रतीत हो रहा है।

मंत्री व सरकार में उच्च पदों पर आसीन लोग समाज के हित के बारे में चर्चा करते हुए नज़र आएंगे और लोगों का समर्थन प्राप्त करेंगे। दुनिया भर में स्वास्थ्य से संबंधित क्षेत्रों में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। इस गोचर के दौरान लेखकों और फिलॉस्फर लोगों को अपने कार्यक्षेत्र में प्रगति देखने को मिल सकती है। यह अवधि विश्व भर के रिसर्चर्स, सरकार के सलाहकार और साइंटिस्ट के लिए फलदायी साबित होगी।

इस गोचर से विशेष शुभ फल पाने वाली 5 राशियां ऐसी भी हैं, जिन्हें इस गोचर से बहुत अच्छे परिणाम मिलने के योग बन रहे हैं। तो आइए विस्तार से जानते हैं कि गुरु का यह गोचर उन भाग्यशाली राशियों के जीवन में किस तरह के शानदार बदलाव लेकर आ सकता है।

गुरु का मेष में गोचर भाग्यशाली राशियां :
मेष : बृहस्पति आपकी कुंडली के नौवें और बारहवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह आपकी कुंडली के पहले (लग्न) भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको भाग्य का भरपूर साथ प्राप्त होगा और आप सकारात्मकता एवं उत्साह से भरे होंगे। करियर के क्षेत्र में आपको नए और अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।

करियर में आपको तरक्की मिलने की पूरी संभावना है। साथ ही आपको अपने पिता और गुरुओं का भरपूर समर्थन भी मिलेगा। गुरु का मेष राशि में गोचर, आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, जिसके कारण आप सभी बाधाओं को पार करते हुए अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने में सफल होंगे। हालांकि, आपकी कुंडली में राहु की मौजूदगी दर्शाती है कि आपको अपनी सेहत के प्रति थोड़ा सावधान रहना होगा क्योंकि आप सिरदर्द, माइग्रेन और तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं।

मिथुन : बृहस्पति आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको नए प्रोजेक्ट मिलेंगे और आप साहसी ढंग से सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। गुरु दसवें भाव के स्वामी के रूप में ग्यारहवें भाव में प्रवेश करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपको करियर में उन्नति प्राप्त होगी। साथ ही आपके सामाजिक और आर्थिक जीवन का दायरा भी बढ़ेगा। इसके अलावा संकेत मिल रहे हैं कि आपकी सैलरी बढ़ सकती है या फिर आपको बोनस के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

इस अवधि में आपको प्रमोशन और विदेश जाने का मौका मिलने के प्रबल योग बन रहे हैं। ख़ास तौर से यह गोचर बिज़नेस करने वाले जातकों के लिए फलदायी साबित होगा क्योंकि आप इस दौरान अच्छी मात्रा में धन लाभ अर्जित करने में सफल होंगे। साथ ही आपको नए अवसर भी प्राप्त होंगे। इसके अलावा, आपका झुकाव धर्म और दर्शनशास्त्र की ओर अधिक हो सकता है। ऐसे में आप कुछ ऐसी संस्थाओं से भी जुड़ सकते हैं, जिनमें आपकी रुचि अधिक है। हालांकि, आपको सलाह दी जाती है कि अपने हाथों और कानों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि आपको इनसे संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कर्क : बृहस्पति आपकी कुंडली के छठे और नौवें भाव पर शासन करते हैं और अब यह आपके दसवें भाव में प्रवेश करेंगे। नौवें भाव के स्वामी के तौर पर बृहस्पति के दसवें भाव में मौजूद होने से आपको प्रमोशन मिलने के योग बन रहे हैं। आपके सीनियर्स और बॉस आपके काम पर ध्यान देते हुए आपको प्रमोट कर सकते हैं। इस दौरान आप अपने काम के प्रति पूरी तरह से एकाग्रचित्त रहेंगे और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए नज़र आएंगे।

यदि आप नौकरी या जगह बदलने के विचार में हैं तो आपको इस दौरान नए और बेहतर मौके मिल सकते हैं। इसके अलावा आप नौकरी छोड़कर बिज़नेस की शुरुआत भी कर सकते हैं और यह आपके लिए काफी आसान रहेगा और आप बिना बाधा के आगे बढ़ने में सफल होंगे। इस अवधि में आपको हड्डी और जोड़ों से जुड़ी परेशानी हो सकती है इसलिए थोड़ा सावधान रहें।

सिंह : बृहस्पति आपकी कुंडली के पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके नौवें भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर के दौरान आपका झुकाव आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में अधिक हो सकता है और इसमें आपको अपने पिता और गुरुओं का भी भरपूर समर्थन प्राप्त होगा। अगर आप बिज़नेस करते हैं और इसे ऑनलाइन स्तर पर ले जाने के विचार में हैं तो यह अवधि आपके लिए अनुकूल है। आप ऑनलाइन बिजनेस के माध्यम से अच्छा धन लाभ अर्जित करने में सफल हो सकते हैं। पांचवें भाव के स्वामी बृहस्पति के नौवें भाव में मौजूद होने से आपको कामयाबी और सम्मान मिलने के प्रबल योग बन रहे हैं।

अगर आप शिक्षक, काउंसलर, इंस्ट्रक्टर या आध्यात्मिक गुरु हैं तो यह अवधि आपके लिए बेहद फायदेमंद होगी। अगर आप काम से संबंधित किसी यात्रा पर जाने के विचार में हैं तो भी यह गोचर आपके लिए लाभदायक रहेगा। जो छात्र शोध और विज्ञान की पढ़ाई कर रहे हैं तथा उच्च शिक्षा की योजना बना रहे हैं, उनके लिए भी बृहस्पति का मेष राशि में गोचर फलदायी सिद्ध होगा। सेहत के लिहाज से बृहस्पति और राहु की युति आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याएं दे सकती है, इसलिए सावधानी बरतना अपेक्षित होगा। हालांकि आपको कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी।

धनु : आपकी कुंडली के पहले और चौथे भाव पर बृहस्पति का शासन है और अब यह आपके पांचवें भाव में प्रवेश करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आप काफी उदारवादी और चंचल स्वभाव के हो सकते हैं। अगर आप रचनात्मक क्षेत्रों जैसे आर्किटेक्ट या डिजाइनिंग आदि में हैं तो यह गोचर आपके लिए फलदायी साबित होगा। इसके अलावा शिक्षकों के लिए भी यह अवधि फलदायी रहने वाली है।

इस दौरान आपकी मुलाकात नए लोगों से होने की संभावना बन रही है, जिनकी मदद से आप कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने में सक्षम होंगे। बिज़नेस करने वाले जातकों को भी अधिक धन लाभ के साथ इस गोचर का फायदा होगा। आप नई और लाभकारी डील्स पाने में सफल होंगे। बृहस्पति के मेष राशि में गोचर के दौरान, आप अपने काम में एकाग्र रहेंगे और पूरी जिम्मेदारी के साथ काम ख़त्म करेंगे। स्वास्थ्य के बारे में बात करें तो बृहस्पति और राहु की युति से आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत हो सकती है इसलिए थोड़ा सावधान रहें।

क्रमशः आगे के लेख में हम गुरु के मेष में गोचर का सभी राशियों पर पड़ने वाले शुभ-अशुभ प्रभावो के विषय में चर्चा करेंगे।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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