तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : भाषाई अल्पसंख्यक व तेलुगू भाषा की आधिकारिक मान्यता पर हर्ष व्यक्त करते हुए तेलुगू समाज के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा की मंजूरी के बाद तेलुगू भी राज्य की आधिकारिक भाषा बन गई। सोमवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन इस प्रस्ताव को अनुमोदन मिला। बता दें पश्चिम बंगाल के कई शहरों में तेलुगू भाषियों की खासी संख्या है। हालांकि खड़गपुर में इनकी संख्या सबसे अधिक है। स्थानीय तेलुगू भाषियों की संस्था आंध्रा यंग मैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस. सूर्य प्रकाश राव ने कहा कि समाज के लोग भाषाई अल्पसंख्यक और आधिकारिक भाषा की मान्यता के लिए लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे थे।
नवंबर 2019 में हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान यह मुद्दा विधायक प्रदीप सरकार के संग्यान में लाया गया । निर्वाचित होने के बाद सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तेलुगू भाषियों की भावनाओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने इस आशय के प्रस्ताव को कैबिनेट में रख कर पास कराया। सोमवार को यह विधानसभा से भी पारित हो गया। राज्य की महिला व बाल स्वास्थ्य मंत्री डॉ. शशि पांजा ने पहली बार सदन में तेलुगू में संभाषण प्रस्तुत किया। एसोसिएशन और तेलुगू भाषियों की ओर से इसके लिए मुख्यमंत्री, विधायक और डॉ. पांजा के प्रति उनसे मिल कर तहेदिल से आभार व्यक्त किया गया।