मिथुन Gemini (क, की, कु, घ, ङ, छ, के, को)
शुभ रंग हरा,
शुभ अंक 5,
शुभ धातु चांदी,
शुभ रत्न पन्ना,
शुभ दिन बुध,
ईष्ट गणेश जी
शुभ रहे गणेश चालीसा का पठन करने से लाभ।
शुभ तारीख 5, 14, 23
शुभमास चैत्र, आश्विन मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन।
अशुभ : वैशाख, ज्येष्ठ आषाढ़ श्रावण।
मित्र राशि : मेष, सिंह, कन्या, तुला।
आपकी राशि का स्वामी बुध है। अधिकतर शांति व समझौतावादी विचार स्वभाव में रखते हैं। इसी कारण आत्मविश्वास की कमी भी रहती है जिससे नुकसान भी होता है। धारणाओं को बदलना आसान नहीं होता। मानसिक चंचलता, चिंतन, गंभीरता काफी रखते हैं। समय पर कार्य करना, प्रभावी विचारों का आकर्षण रहता है। तात्कालिक शत्रु बने रहते हैं। वास्तविकता को महत्व देना होता है। कटुता, ईर्ष्या नहीं रखते। अपनी बात, विचारों में स्पष्टता रखते हैं। दूसरों के प्रति लगाव, प्रेम रखते हैं। जवाबदारी भलापन, अनायास होने वाली घटनाओं से गंभीरता बढ़ती है। दूसरों को सबक सिखाते हैं।
अधिकतर मामलों में आपको समझ पाना मुश्किल होता है। वैचारिक सामंजस्यता रखना कठिन होता है। दूसरों के कारण महत्व को स्थितियों में मन दूषित, निरुत्साहित हो जाता है। वैसे व्यर्थ मानसिक भय, चिंता बनी रहती है। स्वयं दूसरों के मामलों में जवाबदारी उठाते हैं अपने ही लोगों में धारणा के शिकार होते हैं। कामकाज के प्रति विश्वास, समर्पण, सजगता रखते हैं। निजी तौर पर काफी संतोष रखते हैं। निजी प्रेम, स्नेह, जवाबदारी, पारिवारिक सजगता बनी रहती है। व्यावहारिक यश, सफलता बराबर उठा लेते हैं।
विचार क्षमता काफी रहती है। ज्ञानार्जन किसी भी बात को वास्तव में समझना आसान होता है। सैद्धांतिक जीवन-यापन रहता है। दर्शन, अध्यात्म, सामाजिक, जातिगत भावनाएं रहती हैं। तर्क-वितर्कता से अनिश्चितता बनती है। सहजता से किसी से सहमति नहीं बनती। अधिक विश्लेषण करते हैं। मानसिक श्रद्धा, विश्वास आवश्यकता अनुरूप मानते हैं। अपने कर्तव्यों के प्रति सजगता बनी रहती है। हठधर्मिता भी काफी सहायक रहती है। वर्ष में गुरु का विशेष प्रभाव रहेगा, सुखद लाभप्रद स्थितियां मई तक अनुभव करेंगे पश्चात सामान्य स्थिति रहेगी।
वर्षारम्भ से 6 फरवरी तक वक्री बुध की स्वगृही दृष्टि रहने से पुरुषार्थ एवं उद्यम में वृद्धि, संघर्ष के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। परन्तु ता. 14 जनवरी तक सूर्य की दृष्टि तथा ता. 17 जनवरी तक शनि की ढैय्या का प्रभाव रहने से क्रोध एवं उत्तेजना से बनते हुए कार्य बिगड़ सकते हैं।
7 फरवरी से 27 फरवरी तक बुध अष्टमस्थ तथा 1 मार्च से 30 मार्च तक बुध अस्त रहने से स्वास्थ्य कष्ट, आय कम तथा खर्च अधिक होंगे। ता. 16 मार्च से 30 मार्च तक बुध नीच (मीन) राशिस्थ होने से स्वास्थ्य हानि, अत्यधिक खर्च, तनाव एवं बनते कामों में अड़चनें पैदा होंगी।
ता. 1 अक्तूवर से 18 अक्तूवर तक बुध चतुर्थ भाव उच्चराशि में होने से अचानक धन प्राप्ति के योग हैं। नवंबर में बुध छठे स्थान में होने से सेहत में खराबी तथा चोटादि का भय होगा।
उपाय : (1) पूर्णमाशी का व्रत करना और श्रीविष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना। प्रतिदिन गौओं का चपातियां खिलाना शुभ रहेगा।
(2) बुधवार को कन्याओं को मीठा प्रसाद बाँटना, तामसिक भोजन (माँस, मछली आदि) से पूरी तरह परहेज़ करना।
(3) प्रतिदिन पक्षियों को बाजरा डालना शुभ रहेगा, विशेषकर 30 अक्तूवर तक।
कुल मिलाकर इस वर्ष व्यावसायिक मामले काफी हावी होंगे। अवसरों, अनुभवों का लाभ होगा। परिश्रम, मेहनत के अलावा शांति, धीरज से लाभ, प्रगति होने दें। जल्दबाजी में न तो कुछ मिलेगा उसके विपरीत जो हाथ में है वह भी जाएगा। सावधानी रखें। प्रतिस्पर्धा, अनसोचा निवेश नुकसानप्रद हो सकता है। हर स्थिति में विचार, अनुभव, मार्गदर्शन से कार्य करें। सिर्फ लाभ-लोभ, प्रलोभन से बचें। नौकरी में एक न एक कष्ट रहेगा। अधिकारी दबाव डालेंगे। कार्यकुशलता, परिश्रम, समर्पण का लाभ, संतोष सिर्फ मानसिक रहेगा। वास्तविकता, सत्यता को महत्व दें। अवसरों का उपयोग करें।
स्वयं को बेहतर स्थापित कर पाएंगे। पद-प्रतिष्ठा, पदोन्नति होगी। कार्यकुशलता की तारीफहोगी। स्थान, स्थिति, कार्य- निर्णय पक्षधर होंगे। आगे की सोच उत्साहित रखेगी। परिवर्तन भी संभव रहेगा। अपनी निजी इच्छा, आकांक्षा की पूर्ति होगी। विद्यार्थियों के लिए अनुकूल। भय, तनाव रहेगा फिर भी हिम्मत, साहस, परिश्रम, इच्छाशक्ति का लाभ मिलेगा। यश का मापदंड जरूर सुधरेगा। इस वर्ष सफलता से आगे का कॅरियर, प्रतिस्पर्धा बनाने की हिम्मत, उत्साह बढ़ा पाएंगे। योग्यता बढ़ेगी।
मासिक राशिफल 2023
जनवरी : ता. 16 तक शनि की ढैय्या का प्रभाव रहने से कार्य-व्यवसाय में संघर्ष अधिक रहेगा, परन्तु बुध की स्वगृही दृष्टि रहने से पुरुषार्थ एवं उद्यम में वृद्धि, संघर्ष के बावजूद आय के साधन बनते रहेंगे। परिवार में कुछ भ्रामक धारणाओं से व्यर्थ की उलझनें उत्पन्न होंगी।
फरवरी : ता. 7 से 27 तक बुध अष्टमस्थ संचार करने से व्यवसाय में भागदौड़ एवं खर्च अधिक रहेंगे। स्वास्थ्य में विकार का भय है। किसी निकट-बन्धु से मतान्तर हो। आर्थिक परिस्थितियां अनिश्चित रहेंगी
मार्च : इस मास बुध अस्त परन्तु ता. 16 तक भाग्यस्थ रहने से भाग्योन्नति तथा उच्च- प्रतिष्ठित लोगों के साथ सम्पर्क बनेंगे। ता. 16 से बुध नीचस्थ होने से स्वास्थ्य हानि, मानसिक तनाव, बनते कामों में विघ्न तथा अपने भी परायों जैसा व्यवहार करेंगे।
अप्रैल : मासारम्भ से ही बुध लाभ स्थान में राहु युक्त होने से पराक्रम में वृद्धि, परन्तु व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। व्यापार को बढ़ाने में मित्रों और सम्बन्धियों का सहयोग प्राप्त होगा। ता. 21 से बुध वक्री होने से स्वास्थ्य नर्म और अति महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए भागदौड़ होगी।
मई : पूर्वार्द्ध में व्यर्थ की चिन्ता और कार्य-विलम्ब होने के योग हैं। अत्यधिक कठिनाई से निर्वाह योग्य धन प्राप्त होगा। ता. 15 से बुध मार्गी होने से पुरुषार्थ द्वारा उन्नति व लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। उच्च प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सम्पर्क-साधनों से मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि और पारिवारिक व राजकीय कार्यों में सफलता मिलेगी।
जून : ता. 7 से 23 जून तक बुध द्वादशस्थ होने से कार्य व्यवसाय सम्बन्धी दौड़-धूप अधिक होगी, धन के खर्च भी अधिक होंगे। ता. 24 से बुध स्वराशि (मिथुन) में होने से वाहन एवं मनोरंजन आदि कार्यों पर खर्च विशेष होंगे। किसी प्रियबन्धु से मुलाकात हो।
जुलाई : मासारम्भ में भूमि वाहनादि के क्रय-विक्रय की योजना बनेगी। ता. 8 के पश्चात् आवास व रहन-सहन में परिवर्तन करना आवश्यक रहेगा। गुप्त शत्रुओं से सावधानी बरतें तथा स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखें। ता. 17 से पुरुषोत्तम-माहात्म्य का पाठ करें।
अगस्त : अनेक बाधाओं के बावजूद कामकाज में प्रगति होगी। वृथा यात्रा की परेशानी होगी। मानसिक तनाव व क्रोध की भावना अधिक रहेगी। किसी निकट बन्धु से तनाव और विरोध पैदा होगा। शरीर कष्ट और व्यर्थ का अपव्यय होगा।
सितम्बर : क्रोध एवं उत्तेजना से कोई बना हुआ कार्य बिगड़ने के योग हैं। आर्थिक उलझनों के कारण मन में तनाव व चिन्ताएं रहेंगी ता. 16 से बुध मार्गी होने से मानसिक। तनाव से मुक्ति, उन्नति के अवसर मिलेंगे, परन्तु पारिवारिक व्यस्तता के कारण विशेष लाभ नहीं होगा।
अक्तूबर : मासारम्भ से ही बुध उच्चस्थ होने से अकस्मात् धन-लाभ होगा, भाई- म बन्धुओं के सहयोग से कुछ बिगड़े कार्यों में सुधार होगा, ता. 18 से बुध पंचमस्थ केतु युक्त होने से अकस्मात् किसी कार्य में विलम्ब से क्रोध एवं उत्तेजना बढ़ेगी।
नवम्बर : उलझनों के बावजूद पराक्रम में वृद्धि होगी। जमीन-जायदाद सम्बन्धी समस्याएँ। उत्पन्न होंगी आर्थिक कार्यों में विघ्न होने पर भी गुजारे योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। प्रिय बन्धु से मुलाकात, शुभ एवं धार्मिक कार्यों सम्बन्धी विशेष विचार-विमर्श होगा।
दिसम्बर : मासारम्भ से ही बुध की स्वगृही दृष्टि रहने से धन प्राप्ति के साधन बढ़ेंगे। प्रयास एवं प्रयत्न करने से उन्नति व लाभ के आसार बढ़ेंगे ता. 13 से विभिन्न आर्थिक योजनाओं को क्रियान्वित करने में परेशानी व विलम्ब से मानसिक तनाव रहेगा
ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848