पटना। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार का देश में महिला आरक्षण लागू करने का कोई इरादा नहीं है और यह विधेयक अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सबसे बड़ा जुमला है। यहां मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ललन सिंह ने दावा किया कि हाल ही में संपन्न संसद का विशेष सत्र केंद्र द्वारा “इवेंट मैनेजमेंट” के रूप में आयोजित किया गया था।
सिंह ने कहा, “उन्होंने संसद के दोनों सदनों में महिला आरक्षण विधेयक पारित कर दिया है, लेकिन इसे जमीन पर लागू करने और महिलाओं को सशक्त बनाने का उनका कोई इरादा नहीं है। सरकार ये बिल लेकर अब आई है,.अगर इरादा था तो नरेंद्र मोदी ने देश में साढ़े नौ साल के शासनकाल में इसे लागू क्यों नहीं किया?
”महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद देश में पहले जनगणना होगी और फिर परिसीमन आयोग बनेगा और परिसीमन होने के बाद महिला आरक्षण लागू होगा। इसमें कई साल लग जाएंगे। सच्चाई यह है कि केंद्र महिला आरक्षण विधेयक के नाम पर जुमलेबाजी कर रहा है।
उसका इसे जमीन पर लागू करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, “आरक्षण के भीतर आरक्षण देश की मांग है और इसलिए लोग जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। जाति आधारित जनगणना के बाद हर जाति की संख्या सुनिश्चित की जाएगी और उसके अनुसार उन्हें आरक्षण दिया जाएगा।”