उमेश तिवारी, हावड़ा। महिलाओं द्वारा बजायी जा रही ढाक और उसकी ताल पर थिरकतीं आदिवासी महिलाएं। बसंतोत्सव पर बेलूर की गलियों में निकली इस नगर कीर्तन को देखने भीड़ उमड़ पड़ी। माथे पर कलश लिए हुए पीले वस्त्रों में थिरकती हुई महिलाएं चल रही थीं। सुभाष संघ द्वारा आयोजित इस बसंतोत्सव कार्यक्रम में इलाके की महिलाएं भी वसंती रंगों में रंगी हुई थीं। शुक्रवार को दोलयात्रा के अवसर पर निकली नगर कीर्तन पूरे बेलूर इलाके की यात्रा करने के पश्चात संघ के प्रांगण में आकर समाप्त हो गयी। शाम को क्लब प्रांगण में संगीत संध्या का आयोजन किया गया था।
रविवार को निःशुल्क माइक्रो सर्जरी व नेत्र ऑपरेशन किया जायेगा। बेलूर सुभाष संघ के सचिव आशीष साहा ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले दो सालों से बसंतोत्सव का आयोजन नहीं किया जा रहा था। उन्होंने कहा क्लब द्वारा दिए गए अबीर का ही उपयोग किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य पूरे समाज को एकता सूत्र में पिरोये रखना है।