कोलकाता। पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के 2014 के उम्मीदवारों की भर्ती करने से इनकार कर दिया। बोर्ड ने बताया कि जिन्होंने 2014 की परीक्षा पास की थी,लेकिन साक्षात्कार में सफल नहीं हो पाए थे। उन्हें फिर से परीक्षा लिखित परीक्षा देनी होगी। बोर्ड की ओर से कहा गया कि अगर उम्मीदवारों के नाम पैनल में नहीं आए तो उनकी सीधी भर्ती नहीं की जा सकती है और उन्होंने उम्मीदवारों से फिर से लिखित परीक्षा और साक्षात्कार देना होगा। वहीं अभ्यर्थी इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि ऐसा नहीं चलेगा। जो भी उत्तीर्ण उम्मीदवार हैं उन्हें नौकरी देनी होगी।
प्रदर्शनरत अभ्यर्थियों की मांग पर बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल ने कहा कि वर्ष 2014 टेट के बाद दो बार इंटरव्यू देने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं मिली है। उन्हें इस बार भी उन्हें लिखित परीक्षा और इंटरव्यू देना ही होगा। किसी भी रूप से अवैध नियुक्ति संभव नहीं है। सूत्रों की माने तो अदालत के फटकार लगने के बाद प्राइमरी शिक्षा बोर्ड ने कहा था कि अब शिक्षक भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं होगी। इस पर शिक्षक भर्ती को लेकर हर कदम कोर्ट के निर्देश के पर उठाए जा रहे हैं।
इधर वर्ष 2014 में परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी लगातार बोर्ड दफ्तर के बाहर नौकरी की मांग कर रहे हैं। बुधवार को भी कई अभ्यर्थियों की तबीयत खराब हो गई। अभ्यर्थी सॉल्टलेक के प्राथमिक शिक्षा बोर्ड का कार्यालय के सामने प्रदर्शनरत हैं। पुलिस ने अभ्यर्थियों को हटाने की कोशिश की पर वे नहीं हटे। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि जब तक उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी तब तक वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।
इन अभ्यर्थियों ने प्राथमिक शिक्षकों के पद 2014में ‘शिक्षक पात्रता परीक्षा'(टेट) पास की है। इसके बाद उन्होंने दो इंटरव्यू दिए लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि शुरुआत में 20 हजार शिक्षकों नियुक्त किया जाएगा। लेकिन उसके बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली।