आभासी काव्यांजलि में बांग्ला भाषा में विवेकानंद की गूँज

  • राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल के बांग्ला भाषा के कवियों ने स्वामी विवेकानंद को याद किया

राम पुकार सिंह, कोलकाता : राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने राष्ट्रीय धर्म का निर्वाह करते हुए 04 जुलाई 2021 को विवेकानंद के पुण्यतिथि पर उनको काव्यांजलि के रूप में भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए उनके द्वारा जग को दी गई संस्कृति की सीख को याद किया। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। पटल पर उपस्थित संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल का परिचय पटल पर उपस्थित रचनाकारों और श्रोताओं से डॉ. राय ने करवाया।

कार्यक्रम का सुन्दर संचालन तरुन कान्ति घोष ने किया। कार्यक्रम शुरु होने के पहले संस्था के महामन्त्री रामपुकार सिंह ने सभी रचनाकारों का परिचय पटल के श्रोताओं को देकर विवेकानंद को याद करते हुए बांग्ला भाषा में कहा कि जब तक सूरज चाँद रहेगा तब तक इन्हें दुनिया में हिन्द के गौरव के रुप में याद किया जायेगा। कार्यक्रम की शुरुआत शिप्रा सामन्त की मधुर सरस्वती वंदना से हुई।संस्था के उपाध्यक्ष डॉ. ऋषिकेष राय ने स्वामी जी पर अपने ज्ञानवर्द्धक वक्तव्य में कहा कि विवेकानंद जी ने मानवता और सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताये थे।

इस अवसर पर उपस्थित मानिन्द रचनाकार राजीव कोटल (कोलकाता), शिप्रा सामन्त (शान्तिनिकेतन), सुशान्त महतो (पुरुलिया), स्वागता बसु (यादवपुर), विश्वरुप दास (वर्द्धमान), डॉ. ममता बनर्जी मंजरी (पुरुलिया) और तरुन कान्ति घोष (वीरभूम) ने बांग्ला भाषा में विवेकानंद पर केन्द्रित अपनी-अपनी स्वरचित रचना सुनाकर पटल पर उपस्थित श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल और राष्ट्रीय सह महामन्त्री महेश कुमार शर्मा ने काव्य गोष्ठी की प्रशंसा करते हुए सभी रचनाकारों को खूब सराहा और भविष्य में ऐसे कार्यक्रम करते रहने की कामना की। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय कवि संगम युवा पीढ़ी को आगे लाने के लिये आंचलिक भाषाओं के साहित्य को समृद्ध बनाने के लिये अनवरत प्रयास करने के लिये संकल्पित है। कार्यक्रम के अन्त में प्रान्तीय मंत्री बलवंत सिंह ने सभी को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किये। श्रोता के रूप में कई जाने-माने साहित्यकार एवं काव्यरसिक भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seven + six =