भारतीय संस्कृति में गुरू की महत्ता विषय पर आभासी संगोष्ठी 25 जुलाई को आयोजित

नागदा (निप्र)– राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 120वीं सगोष्ठी भारतीय संस्कृति में गुरू की महत्ता और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समावेशी एवं भारतीय संस्कृति में गुरू शिष्य परम्परा अवदान एवं सम्भावनाएँ विषय पर आभासी संगोष्ठी 25 जुलाई को दो सत्र में होगी।

यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव ने देते हुए बताया कि संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा, ब्रजकिशोर शर्मा, सुरेशचन्द्र शुक्ल ओस्लो नार्वे एवं गोकुलेश्वर द्विवेदी, विशिष्ट वक्ता डॉ. शहाबुद्दीन शेख, नरेन्द्र मेहता तथा मुख्य वक्ता डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा होंगे।

विशेष अतिथि सुवर्णा जाधव, डॉ. उर्वशी उपाध्याय, डॉ. प्रभु चौधरी, डॉ. अंजना संधीर, हरेराम वाजपेयी, डॉ. सुमन रोडनकर, डॉ. सुनीता मंडल, डॉ. शैलचन्द्रा, इला जायसवाल, डॉ. अर्चना सुहासिनी, उदय किरोला, कृष्णा श्रीवास्तव, डॉ. दीपिका सुतोदिया, डॉ. मधुकर देशमुख रहेंगे।

आयोजक मंडल में डॉ. स्वाति श्रीवास्तव, गरिमा गर्ग, पूर्णिमा कौशिक, डॉ. रश्मि चौबे, डॉ. मुक्ता कौशिक, ममता झा, भुवनेश्वरी, लता जोशी, सुनीता चौहान, मनीषा सिंह आदि रहेंगे।

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