राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आभासी सगोष्ठी संपन्न

उज्जैन। भगवान महावीर स्वामी का विश्व को चिंतन पर मुख्य अतिथि के रुप में पदमचंद गांधी ने अपने मंतव्य में कहा कि- महावीर स्वामी ने जीने की कला ही नहीं मरने की कला भी सिखाई। स्वामी जी ने समय प्रबंधन अपने व्यवसाय नौकरी आदि में कैसे करें विस्तार से बताया। अध्यक्षीय भाषण में राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा, पूर्व शिक्षा अधिकारी, उज्जैन ने कहा- आत्म उन्नति से परमात्मा बन सकते हैं। एकाग्रता एवं लक्ष्य कैसे बढ़ाएं सफलता प्राप्त करने का ज्ञान दिया। विशिष्ट अतिथि डॉ. हरि सिंह पाल, नागरी लिपि परिषद महामंत्री, दिल्ली ने कहा- हम वैश्विक मानवता की बात करते हैं तो, हमें महावीर स्वामी के विचारों को अपनाना होगा।

विशिष्ट अतिथि सुवर्णा जाधव, पुणे, महाराष्ट्र, कार्यकारी अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, ने कहा- झगड़ना है तो खुद से झगड़ो वही आत्म बल देता है। कारोबार विस्तार की जानकारी दी। विशिष्ट वक्ता डॉ. प्रभु चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा- भगवान महावीर स्वामी ने जीवन को उद्देश्य पूर्ण बनाए एवं कार्य में सफलता प्राप्त करने की शिक्षा दी। युवाओं को इस अवस्था में शरीर की शक्ति का सैनिक की तरह सक्रिय इस्तेमाल करना चाहिए। युवा क्रोध करने से बचें जब गुस्सा आए तो मौन हो जाए।

विशिष्ट अतिथि डॉ. रश्मि चौबे, कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना महिला इकाई ने कहा- ‘अहिंसा’ का दिव्य संदेश, स्वार्थ प्रवृत्ति एवं संकीर्ण मनोवृत्ति को विराम दे सकता है। डॉ. रेनू सिरोया ने कहा- मैत्री, प्रेम, करुणा की पराकाष्ठा का जन्म हैं, महावीर जी। आपने मंगला चरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का आरंभ श्वेता मिश्रा, पुणे, महाराष्ट्र की सरस्वती वंदना एवं कार्यक्रम का सफल संचालन किया। स्वागत भाषण डॉ. शहेनाज शेख राष्ट्रीय उपमहासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने दिया।

प्रस्तावना डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद ने प्रस्तुत की। आभार सुधा, शिक्षिका, चंडीगढ ने व्यक्त किया। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 22 वे स्थापना दिवस पर समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यों ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रदान की। इस अवसर पर कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अनसूया अग्रवाल महासमुंद, डॉ. अरुणा शुक्ला नांदेड़, डॉ. शिवा लोहारिया जयपुर, रजनी प्रभा पटना, डॉ. सुनीता श्रीवास्तव एवं डॉ. कृष्णा जोशी, इंदौर, मध्य प्रदेश तथा अन्य अनेक विद्वानगण उपस्थित रहे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *