श्रीहनुमान जी का जन्मोत्सव 23 अप्रैल मंगलवार को मनाया जाएगा

वाराणसी। इस दुनिया में जिनको अमरता का वरदान प्राप्त है उन्हीं में से श्रीरामभक्त श्रीहनुमान जी भी एक हैं। श्रीहनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर मतभेद हैं। कुछ श्रीहनुमान जी के भक्त उनकी जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मानते हैं तो कुछ चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन, इस विषय में ग्रंथों में दोनों के ही उल्लेख मिलते हैं।

हनुमान जन्मोत्सव चैत्र पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल मंगलवार सुबह 03 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन जानी 24 अप्रैल बुधवार सुबह 05 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। सूर्योदय व्यापिनी चैत्र पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल मंगलवार होने के कारण श्रीहनुमान जन्मोत्सव 23 अप्रैल मंगलवार को ही मनाया जाएगा।

भगवान शिव के ग्याहरवें रुद्र के रूप श्रीहनुमान जी : आज भी जहां श्रीरामचरितमानस का गुणगान होता है, वहां उपस्थित रहते हैं। इन्हें अणिमा, लघिमा, महिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व रूपी अष्ट-सिद्धियां प्राप्त थीं। श्रीहनुमान जी को लंका में देख कर सीता जी ने आशीर्वाद दिया था- अजर अमर गुननिधि सुत होहू। करहुं बहुत रघुनायक छोहू॥’

श्रीहनुमान जी के अलावा इनके अनेक नाम प्रसिद्ध है जैसे बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि।

श्रीहनुमान जी की पूजन विधि : अगर किसी कारणवश मंदिर नहीं जा सकते तो सुबह स्नान कर घर के ईशान कोण अथवा पूजा के कक्ष में एक चौकी पर गंगाजल छिड़कें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछांए, कपड़ा बिछाने के बाद भगवान श्री राम और माता का स्मरण करें और एक चौकी पर श्रीगणेश जी, भगवान श्रीराम जी, सीता माता, भगवान श्रीलक्ष्मण जी और श्रीहनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें, प्रतिमा ना हो तो सुपारी स्थापित करें, आत्म पूजा करें, भगवान की प्रतिमा अथवा सुपारी को केसरी रंग का चोला चढ़ाएं, चमेली के तेल में केसरी सिंदूर मिलाकर हनुमान जी की प्रतिमा को लेप करें और बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। हनुमान जी को चमेली के तेल का दीया अर्पित करें और श्रीहनुमान जी को लौंग लगे मीठे पान का भोग लगाएं। सिर से 8 बार नारियल वारकर हनुमान जी के चरणों में रखें, उड़द के दानों पर सिंदूर लगाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर अर्पित करें। 5 देसी घी के रोटी का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है। कारोबार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए, घर में केसरी ध्वज फहराए।

श्रीहनुमान जयंती के दिन श्रीहनुमान चालीसा का पांच या 11 बार पाठ से आपको विशेष फल प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। छात्र जीवन में चालीसा का पाठ करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी मिलती है। कुछ लोग व्रत भी धारण कर बड़ी उत्सुकता और जोश के साथ समर्पित होकर इनकी पूजा करते है।

श्रीहनुमान जी की मूर्तियों पर सिंदूर चढाने की परम्परा है। श्रीराम जी की लम्बी उम्र के लिए एक बार श्रीहनुमान जी अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था और इसी कारण उन्हें और उनके भक्तो को सिंदूर चढ़ाना बहूत अच्छा लगता है जिसे चोला कहते है। संध्या के समय दक्षिण मुखी श्रीहनुमान जी की मूर्ति के सामने शुद्ध होकर मन्त्र जाप करने को अत्यंत महत्त्व दिया जाता है। श्रीहनुमान जयंती पर रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड पाठ को पढना भी श्रीहनुमान जी को प्रसन्न करता है। सभी घरों अथवा मंदिरो में इस दिन तुलसीदास कृत रामचरितमानस एवं श्रीहनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षास्तोत्र का पाठ होता है।

सेहत की गंभीर समस्याओं के निवारण के लिए “ॐ लक्ष्मणप्राणदात्रे नमः” मंत्र का जाप करें।
सेहत की समस्याओं से मुक्ति के लिए
“नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा” का यथाशक्ति जाप करें।
श्रीहनुमान जी की पूजा करने से राहु और शनि ग्रह के दोष खत्म हो जाते है।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री जी ने बताया व्यक्ति अपने जीवन में सभी सुख प्राप्त करते हैं, इसलिए कहा गया है कि हर व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंद व्यक्ति को कुछ न कुछ दान अवश्य करना चाहिए। जो व्यक्ति दान करता है उस व्यक्ति के परिवार में भी हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है, यहाँ पर आपको बताया गया है कि हनुमान जी के जन्मोत्सव या प्रतिदिन हनुमानजी के पूजन के समय राशि अनुसार इन मंत्रो का जप, श्रीहनुमानजी को भेंट एवं दान करें।

आपकी राशि वही होती है, जन्म के समय आपका चन्द्रमा जिस राशि में होता है। इस दिन राशि के अनुसार आपके लिए कौन सा दान फलदायी साबित होगा, यहां जानें।

मेष राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त हनुमानजी को लाल गुलाब के पुष्पों की माला पहनाये, फलों में अनार भेंट करें। लाल रंग का चोला धारण करवाय, लाल चंदन का तिलक लगाएं, दो लाल रंग के ध्वज लेकर पूजन कर एक हनुमान मंदिर एवं एक अपने घर में लहराय, गुड़ एवं लाल हलवे का भोग लगाएं,11 श्रीहनुमानचालीसा, लाल रंग के वस्त्र एवं लाल फल ब्रमचारी ब्राह्मणों को दान करें और ॐ तेजसे नम: मंत्र का जप करें।

वृष राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त सफेद पुष्पों की माला, चावल की खीर का हनुमानजी जी को भोग लगाएं, हनुमानजी को चांदी का मुकट भेंट करें, हनुमान मंदिर एवं घर में देसी घी का दीपक जलाएं, चमेली का तेल एवं सिंदूर हनुमान जी को लगाय, चावल, घी एवं आटा दान करें और ॐ प्रसन्नात्मने नम: मंत्र का जप करें।

मिथुन राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमानजी को अपराजिता के पुष्प अर्पित करें। हनुमान जी को गदा चढ़ाय, विद्यार्थियों को एक रामचरितमानस श्रीहनुमान मंदिर में चढ़ाय, अंगूर का भोग लगाएं, गाय माता को हरा चारा दान करें और ॐ शूराय नम: मंत्र का जप करें।

कर्क राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमानजी जी को सफ़ेद रंग के पुष्पों की माला पहनाकर सफ़ेद चंदन का तिलक लगाएं, सफ़ेद रंग की बर्फी का भोग लगाएं, आटा एवं सफेद वस्त्र का दान देना उचित होगा और ॐ शान्ताय नम:मंत्र का जप करें।

सिंह राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त लाल पुष्पों की माला हनुमान जी को भेंट करें, केसर का तिलक लगाएं, गुड़ के बने चावलों का भोग लगाएं, लाल वस्त्र का चोला हनुमानजी को धारण करवाय, नारियल का दान करें और ॐ मारुतात्मजाय नमः मंत्र का जप करें।

कन्या राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमान जी को हरे रंग के वस्त्र धारण करवाय, हनुमानजी जी को हरे रंग के अंगूरों का भोग लगाएं, हरे मूंग या हरे कपड़ो का दान करना चाहिए और ऊं हं हनुमते नम: मंत्र का जप करें।

तुला राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमानजी को सफ़ेद रंग के मोतियों या सफ़ेद पुष्पों की माला,सफ़ेद रंग का वस्त्र भेंट करें, चीनी, सफ़ेद कंबल, सात तरह के अनाज का दान देना चाहिए और ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा मंत्र का 11 वार जप करें।

वृश्चिक राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमान जी को लाल पुष्पों की माला, लाल रंग का चोला धारण करें। लाल चंदन का तिलक लगाएं, लाल वस्त्र का दान करें और ॐ नमो हनुमते रुद्रावतारायविश्वरूपाय अमित विक्रमायप्रकटपराक्रमाय महाबलायसूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा!! का जप करें या बजरंगबाण का पाठ करें।

धनु राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमान जी को चमेल के तेल चढ़ाय, चमेली के तेल के 11 दीपक जलाएं। पीले रंग के वस्त्र श्रीहनुमान जी को धारण करवाय, हल्दी का तिलक लगाएं। पीले रंग के वस्त्र, 11केले और गुड़ का दान करना चाहिए और ऊँ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा का जप करें या संकटमोचन के 11 पाठ करें।

मकर राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमानजी हनुमान जी के मंदिर एवं घर में तिल के तेल 11 दीपक जलाय। हनुमानजी को नारियल भेंट चढ़ाय। गुलाब जामुन एवं काले अंगूरों का भोग लगाएं। काला वस्त्र एवं नारियल दान करें और श्रीहनुमान चालीसा के 11 पाठ करें।

कुंभ राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमानजी को काले रंग के वस्त्र भेंट करें,गुलाबजामुन का भोग लगाएं। काले अंगूर, काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी, कंबल, घी और तिल का दान करें और सुंदरकांड का पाठ करें अथवा हनुमान चालीसा का पाठ करें।

मीन राशि के श्रीहनुमान जी के भक्त श्रीहनुमान जी को केसर का तिलक लगाएं। पीले रंग की पुष्प माला, पीले रंगका चोला चढ़ाय, पीले रंग के फलों को चढ़ाय, जरूरतमंद लोगों को पीले वस्त्र, चने की दाल दान देने चाहिए और ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा का जप करें,संकटमोचन के 11 पाठ करें, श्रीरामचरितमानस का पाठ करें अथवा विद्वान ब्राह्मणों से करवाय!

ऊपर लिखित चीजों में यह जरूरी नहीं है कि आप सभी चीजों का दान या अर्पित करें। आप सामर्थ्य के अनुसार किसी एक चीज का भी दान एवं अर्पित कर सकते हैं। अगर कुछ भी नहीं कर सकते तो 11 श्रीहनुमान चालीसा के पाठ अवश्य करें।

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस पावन दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। इस दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है।

ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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