इंफाल। मणिपुर में गुरुवार को एक बार फिर कई जगहों पर कई हिंसक घटनाएं हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। पिछले दो महीने से जारी संघर्ष में 13 जून के बाद हालांकि किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी। कांगपोकपी ज़िले के तांगनाउम और हारोथेल गांव पर संदिग्ध चरमपंथियों द्वारा की गई गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई। वहीं चार अन्य लोग इस हमले में घायल बताए गए है। इस हमले में मारे गए मैतेई समुदाय के बारे में जानकारी जैसे ही प्रदर्शनकारियों को मिली तो वे इंफाल के इमा मार्केट के पास जमा होने लगे।
इस घटना के बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय पर हमला करने की कोशिश की। उसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हवा में फायरिंग करनी पड़ी। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो इंफाल वेस्ट ज़िले के कौट्रुक चिंग लीकाई, सेनजाम चिरांग और खुरखुल मनिंग लीकाई में भी संदिग्ध चरमपंथियों और ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी हुई है।
विरोध-प्रदर्शन के समय इमा मार्केट के समक्ष मौजूद एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के. ओनिल ने बताया, “कांगपोकपी में सुबह हुई गोलीबारी में मैतेई लोगों के मारे जाने के खबर के बाद इमा बाजार के सामने स्थानीय लोग जमा होने लगे। शाम 5 बजे बाद प्रदर्शनकारियों ने मारे गए व्यक्ति के शव को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास तक ले जाने का फै़सला किया। इस दौरान सुरक्षा बलों की टीम वहाँ पहुंच गई।”
“इस बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी मुख्यालय में घुसने का प्रयास किया। ये लोग तोड़फोड़ के इरादे से वहां पहुंचे थे लेकिन सुरक्षाबलों ने भीड़ को हटाने के लिए करीब 3 घंटे तक हवा में फायरिंग की और आंसू गैस के गोले दागे। मणिपुर में आए दिन रुक-रुक कर हो रही हिंसा में 13 जून के बाद किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना नहीं मिली थी। हालांकि आगजनी और बर्बरता की छिटपुट घटनाएं लगातार सामने आ रही है।