मालदा। ग्रामीणों ने तालाब की खुदाई पर रोक लगा दी। खुदाई का काम रुकवा कर सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को घेरकर विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को इंग्लिश बाजार थाना क्षेत्र के उत्तरी यदूपुर गांव के जहूरपुर में मामले को लेकर तनाव फैल गया। ग्रामीणों ने शिकायत की कि इस जगह पर गड्ढों के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सांप और कीड़े मकोड़े घरों में घुस जाते हैं। सांप के काटने और इस गड्ढे में गिरने से दो ग्रामीणों की मौत हो गई। लेकिन अचानक ऐसा लगता है कि प्रशासन फिर से इस गड्ढे को खोद रहा है। इसलिए वे खुदाई कार्य में बाधा डालकर विरोध में शामिल हो गए।
सैकड़ों महिलाएं इस मांग को लेकर आंदोलन में शामिल हुईं। उनका कहना है कि गड्ढों को फिर से खोदने की अनुमति नहीं दी जाए। गांव की महिलाओं ने भी इस दिन प्रशासनिक अधिकारियों को घेरकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की कि दोबारा खोदे जाने पर अगर किसी ग्रामीण की सांप के काटने से मौत होती है तो इसकी जिम्मेदारी क्या प्रशासन लेगा। एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि इस तरह से तालाब नहीं भरा जा सकता है। ग्रामीणों के मुताबिक उन्होंने यह फिलिंग अपनी परेशानी के चलते बनाई है। हम मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देंगे।
ब्लॉक प्रशासन के सहयोग से 500 मछुआरों को मिला पहचान पत्र
मालदा। पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर और इंग्लिश बाजार ब्लॉक प्रशासन के सहयोग से मछुआरा पहचान पत्र वितरण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन रविवार दोपहर इंग्लिश बाजार स्थित बड़ा सागरदिघी मत्स्य कार्यालय में किया गया। इंग्लिशबाजार पंचायत समिति अध्यक्ष लिपिका बर्मन घोष, पंचायत समिति मत्स्य पदाधिकारी छाया मंडल, काजीग्राम क्षेत्र प्रमुख सत्यजीत चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे।
जानकारी मिली है कि काजीग्राम क्षेत्र के करीब 500 मछुआरों को पहचान पत्र दिया गया था। इस संबंध में इंग्लिशबाजार पंचायत समिति अध्यक्ष लिपिका बर्मन घोष ने कहा कि इस पहचान पत्र के बनने से मछुआरों को हर तरह की सरकारी सुविधा मिल सकेगी। अगर किसी मछुआरे की किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, मछुआरों को यह पहचान पत्र होने पर मछली पकड़ने के विभिन्न उपकरण और सरकारी सुविधाएं मिलेंगी।