अपोलो में दुर्लभ सर्जरी के बाद दो महीने के बच्चे को मिली दृष्टि

कोलकाता : जुलाई 2021 के शुरू में लगभग शून्य दृष्टि वाले 2 महीने के बच्चे को अपोलो मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, कोलकाता लाया गया। जाँच करने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ, सीनियर कंसलटेंट ऑप्थल्मोलॉजिस्ट (पेडियेट्रिक), डॉ देबब्रत हलदर ने पाया कि बच्चा दोनों आँखों में जन्मजात पूर्ण मोतियाबिंद से पीड़ित था। डॉ. हलदर ने कहा कि, “हालाँकि, ऐसे मामलों में सर्जरी तब की जाती है जब बच्चे तीन या चार साल के हो जाते हैं।

दो महीने के बच्चे की आँखों का ऑपरेशन करना उम्र के साथ-साथ आँखों की नाजुक प्रकृति के कारण एक बड़ी चुनौती है।” जन्म से ही दोनों आँखों में मोतियाबिंद होने के कारण बच्चे की दृष्टि के विकास में बाधा उत्पन्न हुई। इसलिए डॉ. देवव्रत हलदर, जिन्हें डॉक्टरों की एक टीम ने सहायता प्रदान की थी, ने केवल दो महीने की उम्र में बच्चे की आँखों का ऑपरेशन करने का फैसला किया लेकिन बच्चे में कई अन्य स्वास्थ्य जटिलतायें भी मौजूद थी जैसे कि गुदा का न होना, मलाशय और मूत्र मार्ग को जोड़ने वाला फिस्टुला का न होना और कुछ हृदय दोष।

ऐसी गंभीत स्थिति में बच्चे को एनेस्थीसिया देना एक बड़ी चुनौती थी। डॉ. देबब्रत हलदर ने कहा कि, “घंटों की लंबी सर्जरी से मोतियाबिंद से ग्रसित दोनों आँखों को साफ कर दिया है और बच्चे की दृष्टि अब बिल्कुल सही है। विलंबित सर्जरी से दृष्टि स्थायी रूप से प्रभावित हो सकती थी। यही वजह है कि हमें इतनी कम उम्र में ऑपरेशन करना पड़ा, जो सामान्य रूप से नहीं किया जाता।”

उन्होंने यह भी कहा कि, “हमारे लिए यह समय के खिलाफ एक दौड़ थी। अगर हम ऑपरेशन में देरी करते तो यह दृश्य निर्धारण (एक विशेष दिशा में देखने की क्षमता) के विकास को प्रभावित करता। यह आम तौर पर आठवें और दसवें सप्ताह के बीच विकसित होता है और हम इस महत्वपूर्ण अवधि को पार कर चुके होते। लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई गई, उसके बाद अब बच्चे की दृष्टि बेहतर होगी और वह सामान्य रूप से जीवन जी सकता है।“

सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे को छोड़ दिया गया है।
इस नोट पर अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के सीईओ, पूर्वी क्षेत्र श्री राणा दासगुप्ता ने कहा कि, “अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स, कोलकाता पथ-प्रदर्शक प्रक्रियाओं में अग्रणी बना हुआ है। हमारे प्रतिबद्ध चिकित्सकों ने अत्याधुनिक तकनीक की मदद से दो महीने के बच्चे पर इस दुर्लभ प्रक्रिया को अंजाम दिया जो अब दुनिया को अपनी आँखों से देख सकेगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *