हैदराबाद। तेलंगाना राज्य लोक सेवा आयोग (टीएसपीएससी) के प्रश्नपत्र लीक की जांच कर रहे तेलंगाना सरकार के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार को 24 मार्च को पेश होने और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के समर्थन मेंसबूत जमा करने के लिए समन जारी किया है। यह कांग्रेस के राज्य प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी को इसी तरह का समन जारी किए जाने के एक दिन बाद आया है। कांग्रेस नेता को 23 मार्च को पेश होने को कहा गया है। बंदी संजय को जारी नोटिस में एसआईटी ने उनसे पेपर लीक को लेकर किए गए दावों और सबूतों की जानकारी साझा करने को कहा है।
भाजपा नेता से आरोपों के संबंध में उचित साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा गया है। एसआईटी ने सीआरपीसी की धारा 91 (दस्तावेज या अन्य चीजों को पेश करने के लिए समन) के तहत नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जगतियाल जिले के एक मंडल के 50 से अधिक लोग टीएसपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने कहा था कि एक छोटे से गांव के छह उम्मीदवार योग्य हैं और वे सभी बीआरएस नेताओं के बच्चे या रिश्तेदार हैं।
नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए बंदी संजय ने कहा कि वह एसआईटी के सामने पेश नहीं होंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह सभी सबूत तभी पेश करेंगे, जब पेपर लीक के मुद्दे पर हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। एसआईटी ने सोमवार को रेवंत को नोटिस जारी किया था। इसने 19 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए बयान का हवाला दिया है कि एक मंडल से संबंधित उम्मीदवारों से मंत्री केटीआर के पीए तिरुपति और आरोपी राजशेखर रेड्डी ने ग्रुप 1 प्रीलिम्स में 103 से अधिक अंक हासिल किए हैं।
रेवंत रेड्डी ने कहा कि वह सभी जानकारी एसआईटी के संज्ञान में लाएंगे। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से नोटिस जारी किए हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अगर पुलिस केटीआर और अन्य मंत्रियों को यह घोषित करने के लिए नोटिस जारी नहीं करती है कि प्रश्नपत्रों के लीक होने के लिए केवल दो व्यक्ति जिम्मेदार थे, तो वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। पुलिस ने पिछले हफ्ते लीकेज के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया था।