कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित मशहूर विश्व भारती विश्वविद्यालय में पिछले आठ दिनों से जारी छात्रों के आंदोलन को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। शनिवार को इको पार्क में प्रातः भ्रमण करने के लिए निकले घोष ने इस बारे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी विश्वविद्यालय के वामपंथी छात्रों को मदद कर रही है ताकि विद्यालय के माहौल को अराजक बनाकर रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने विश्व भारती विश्वविद्यालय परिसर को राजनीति का अखाड़ा बनाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वामपंथी विश्व भारती में अशांति पैदा कर रहे हैं। राज्य की तृणमूल सरकार उनकी मदद कर रही है।
दिलीप घोष ने कहा, “विश्वभारती रवींद्रनाथ की आजीवन खोज का प्रतीक है। यह बंगाल के लोगों के लिए स्वाभिमान का स्थान है। केवल शिक्षा ही हमारी पहचान नहीं है बल्कि गुरुदेव से जुड़े संस्थान हमारी अस्मिता के प्रतीक हैं। उसे भी राजनीति से बाहर नहीं रखा जा रहा है। जो वामपंथी राजनीति से गायब हो गए हैं, वे अब परेशानी पैदा कर रहे हैं। सरकार उनका समर्थन कर रही है। केंद्र द्वारा चलाई जा रही हर चीज का विरोध तृणमूल को करना है। मुझे नहीं पता बंगाल में कब तक इस तरह की प्रथा चलती रहेगी।”
हालांकि दिलीप घोष पर तृणमूल नेता कुणाल घोष ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, “आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। दिलीप घोष का मनगढ़ंत दावा है। कुलपति के काम से असंतोष पैदा हुआ है। यहां लोकतांत्रिक माहौल है इसलिए आंदोलन की अनुमति है।” उधर माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा, ”रवींद्रनाथ के विचारों और आदर्शों को बर्बाद कर आरएसएस को आधार बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह निरंकुश रवैया है।”