“प्रयास एक परिवर्तन का” त्रिदिवसीय सेवाओं द्वारा अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव जी को श्रद्धांजलि दी गई  

सुधीर श्रीवास्तव“प्रयास एक परिवर्तन का” के संयोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि “प्रयास एक परिवर्तन का”, परिवार स्थापना से ही किसी भी महापुरुषों का नमन सेवाओं द्वारा ही करते हैं। उनकी पुण्यतिथि हो, शहादत दिवस हो या जयंती हो इसी परंपरा में इस बार भी प्रयास एक परिवर्तन का, परिवार द्वारा जन-जन के सहयोग से किये जा रहे  सेवाओं के क्रम में तीन दिवसीय सेवा अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू जी के शहादत पर उनको समर्पित करते हुए उनको शत-शत नमन करता है। प्रयास एक परिवर्तन का परिवार शहीदों व अन्य महापुरुषों को सेवाओं द्वारा ही नमन किया जाता है। गत वर्ष नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर वर्ष में 125 सेवाओं द्वारा उनका नमन किया गया था।

चौरीचौरा कांड के 100 वर्ष पूर्ण होने पर वर्ष में 100 सेवायें चौरीचौरा के शहीदों को समर्पित की गई। इसी परंपरा में शहीदों को समर्पित तीन दिवसीय सेवाओं में 22, 23 व 24 मार्च को अन्नपूर्णा भोजनालय द्वारा भोजन वितरण, जिला महिला अस्पताल के सामने भोजन वितरण व देर रात भिन्न-भिन्न स्थानों में रिक्शा चालकों, ठेले वाले व अन्य जरूरतमंदो को भोजन प्रदान किया गया व इनके शहादत को नमन किया गया। इन जैसे क्रांतिकारियों के शहादत के कारण आज हम स्वतंत्रता से जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं। इनके त्याग को “प्रयास एक परिवर्तन का” परिवार हमेशा सेवाओं द्वारा नमन करता रहेगा, जिनके बलिदान से आज़ादी के आंदोलन को गति मिली, फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 में हमें आज़ादी मिली।

मासिक सेवाओं में जनसेवा संस्थान के सत्य दास बिस्वास, के.एम. श्रीवास्तव, ज्योत्सना पाल, अवध गुप्ता, समीक्षक रहमानी, सुरेंद्र यादव, समृद्धि, सृष्टि, संचल, शरद खंडेलवाल, अमित जालान, नवीन, प्रफुल्ल, छोटू आदि का सराहनीय सहयोग रहा। संयोजक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने समाचार पत्रों के माध्यम से आने वाले समय में अन्नपूर्णा मुहिम में अन्नपूर्णा भोजनालय व अन्नपूर्णा रथ के द्वारा 10 लाख से ज्यादा लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में शहर के सभी प्रबुद्ध व संवेदनशील नागरिकजनों से सहयोग का आग्रह किया है, ताकि खाली पेट न सोये कोई, को सम्भव किया जा सके। अपने व अपनों के सुखद पल में आप अन्न दान-जीवन दान, के तहत चावल, रिफाइंड तेल, काबली चना, राजमा आदि उपलब्ध करा सकते हैं। एक व्यक्ति के भोजन के लिए मात्र रु 20 से भी सहयोग संभव है।

हम जन-जन से अपील करते हैं कि आप भी हमारे परिवार का हिस्सा बन इस पुनीत कार्य को सतत आगे बढ़ाने में सहयोग करें। हमारा सूत्र वाक्य है :-
उतना ही ले थाली में, व्यर्थ न जाये नाली में।
हर तरह के सुझाव व सहयोग के लिए हमसे सम्पर्क कर सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

13 + 11 =