कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को बीरभूम जिले के हिंसाग्रस्त गांव बोगतुई का दौरा कर पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की और वहीं से पुलिस को अनवारूल हुसैन को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था। घटना के दिन से ही लापता इस तृणमूल कांग्रेस नेता को कुछ घंटे के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे इस घटना का मूल अभियुक्त बताया जा रहा है। सोमवार रात की आगजनी में जिन लोगों की मौत हुई थी उनके परिजनों ने ममता से आरोप लगाया की आगजनी करने वाले गुट का नेतृत्व अनवारूल ही कर रहे थे।

वहीं, बोगतुई हत्याकांड  के सिलसिले में नौ और लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिससे पिछले 24 घंटों में हिरासत में लिए गए आरोपियों की कुल संख्या 20 हो गई है। सभी आरोपी स्थानीय निवासी हैं और 20-25 वर्ष के बीच के हैं। बुधवार को जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया तो वकीलों ने उनका पक्ष लेने से मना कर दिया। रामपुरहाट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौविक डे ने 10 आरोपियों को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजते हुए घटना को भयानक, भयावह और बर्बर बताया। बाकी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

लोगों ने बताया था कि मदद की गुहार लगाने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया और पुलिस को भी समय से मौके पर नहीं पहुंचने दिया। कभी राजमिस्त्री का काम करने वाला अनवारूल कुछ साल पहले कांग्रेस से टीएमसी में शामिल हुआ था और देखते ही देखते पार्टी का कई बड़े नेताओं का करीबी बन गया था। उसे रामपुरहाट एक नंबर ब्लॉक का पार्टी अध्यक्ष भी बनाया गया था। अब गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने उसे इस पद से हटा दिया है।

हालांकि अनवारूल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है आगजनी की घटना के समय वो भादू शेख के शव के साथ पहले अस्पताल और उसके बाद पुलिस स्टेशन में था। रामपुरहाट से सटे संधीपुर इलाके में अनवारूल का आलीशान मकान है, ऐसा ही आलीशान मकान भादू शेख का भी है।

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