भवानीपुर 75 पल्ली में इस वर्ष ‘मानोबिक’ थीम से रूबरू होंगे दर्शक

इसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के ‘छाऊ नर्तकियों’ के मनोबल को बढ़ाने का किया गया है एक प्रयास

Kolkata: भवानीपुर 75 पल्ली के सदस्यों ने दुर्गापूजा के दौरान 57वें वर्ष में इस बार “मानोबिक” थीम पर मंडप का निर्माण किया है। पूरे मंडप में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के प्रसिद्ध “छाऊ नर्तकियों” के लोक नृत्य को मंडप में उतारने की कोशिश की गयी है, जिससे कोरोना की इस कठिन घड़ी में इस कला से जुड़े छाउ नर्तकियों के पास खड़े होकर उनका मनोबल बढ़ाया जा सके। भवानीपुर 75 पल्ली हर वर्ष अपने दुर्गापूजा मंडप में नयी सोच को थीम को मंडप में उतारने की कोशिश करता है, इसके कारण प्रत्येक वर्ष शहर के चर्चित थीम वाले पूजा मंडप में हर बार यह अपना एक अलग जगह बनाने में सफल रहता है। प्रत्येक वर्ष मंडप निर्माण में अपनी अनूठी शैली का प्रयोग करने के साथ समिति द्वारा वर्ष भर किए जानेवाले सामाजिक कार्य भी सुप्रसिद्ध है।

‘भवानीपुर 75 पल्ली’ मौजूदा समय में दक्षिण कोलकाता की प्रमुख थीम पूजाओं में एक उभरता हुआ सितारा माना जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार हमारे पूजा में एक नया सोच एवं नया विषय प्रस्तुत किया जाता है, जिसने दुनिया भर में लाखों पूजा प्रेमियों के दिलों में अपनी अलग छाप छोड़ी है। वर्ष 2021 में भी कमेटी की तरफ से थीम को लेकर अपनी विचारधारा को जारी रखते हुए हमारे पूजा मंडप को “मानोबिक” थीम के रुप में एक नई सोच के साथ गढ़ा जा रहा है।

भवानीपुर 75 पल्ली पूजा कमेटी के सदस्यों ने अपने मंडप में पुरुलिया जिले के ‘छाऊ’ कलाकारों के नृत्य संगीत कला को प्रदर्शित करने का फैसला लिया है, क्योंकि लॉकडाउन में यह कला संस्कृति बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ‘छाऊ’, एक पारंपरिक नृत्य रूप है, जिसमें रामायण, महाभारत और पुराणों की पुनरावृत्ति करने वाले कलाकार रंगीन वेशभूषा और मुखौटे पहने हुए हैं। इस मंडप के जरिये वे पुरुलिया के एक छोटे से गांव का चित्रण पेश किया जायेगा। राज्य सरकार द्वारा सूचीबद्ध ‘छऊ’ नर्तकियों और उनके परिवारों को इस त्योहार के दौरान कोलकाता लाया जायेगा।

संवाददाताओं से बात करते हुए, क्लब के सचिव श्री सुबीर दास ने कहा कि, इस वर्ष अपने मंडप में हम पुरुलिया में छऊ कलाकारों के बच्चों और परिवार के सदस्यों को यह पूजा समर्पित कर रहे हैं। अपने मंडप के बाहर का एक हिस्सा हम इनके हवाले कर रहे हैं। इन जगहों पर बने स्टॉल में ये कलाकार नृत्य संगीत से जुड़े अपने जिले के अनोखे सामान का प्रदर्शन करने के साथ दर्शकों के बीच वे इसकी बिक्री भी करेंगे। दुर्गापूजा के पहले कमेटी के सदस्यों ने 26 सितंबर को पुरुलिया के चरिदा गांव में ‘आंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस’ के मौके पर 250 छऊ नर्तकियों के बच्चों को कपड़े बांटे हैं।

इसके साथ 50 ‘छऊ’ नर्तकियों के परिवार के सदस्यों को आर्थिक मदद भी करेंगे। कोरोना महामारी के कारण इन सभी नृत्य-संगीत से जुड़े कलाकारों को हुए आर्थिक नुकसान को ध्यान में रखते हुए कमेटी की तरफ से यह पहल की गई है। महामारी के कारण इन दिनों देश भर में त्योहार और मेला बंद रहने के कारण कई कलाकार और शिल्पकार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। हम हमारी सम्मानीय मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी की सोच एवं समस्या की घड़ी में दूसरों के पास खड़े रहने की प्रेरणा से प्रेरित हैं और इसी के तहत इन्हें कम से कम कुछ परिवारों को आर्थिक मदद करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।

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