श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही जन्म जन्मातर के पाप धूल जाते हैं। – स्वामी राधाकृष्ण जी महाराज

सिलीगुड़ी। विप्र फाउंडेशन सिलीगुड़ी चैप्टर द्वारा शिवम् पैलेस में स्वामी राधाकृष्ण जी महाराज के मुखारविंद से श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने हेतु आज भारी संख्या मे भक्त समुदाय की उपस्थित हुआ, महाराज जी ने आज भागवत के रहस्यों से श्रोताओं को परिचित कराते हुए कहा कि आप कितनी बार भी कथा सुनें आपको हर बार नवीनता का अनुभव होता है, क्योंकि हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता।

स्वागत मंत्री संजय शर्मा ने कहा की सम्पूर्ण भारतीय समाज को तेजस्विता प्रदान करने के पावन उद्देश्य से सिलीगुड़ी में आयोजित कथा के द्वितीय दिन श्री राधाकृष्ण जी महाराज ने अपने उद्बोधन में श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रीहरि का वांग्मय स्वरूप है, जो जीवन जीने की कला सिखाते हुए मृत्यु को मंगलमय बनाने का सूत्र प्रदान करती है।

कथा व्यास श्री राधाकृष्ण जी महाराज ने कहा कि जब तक किसी व्यक्ति को स्थान या शास्त्र के महत्व का ज्ञान नहीं होता जब तक उसके प्रति श्रद्धा जागृत नहीं होती है। श्रीमद भागवत की कथा प्रारंभ करने से पूर्व महात्म्य की कथा को सुनने से कथा के प्रति श्रद्धा प्रेम प्रगट होता है। महात्म्य की कथा सुनाते हुए कहा गया कि श्रीमद्भागवत साक्षात तीर्थ राज प्रयाग ही है क्योंकि यहां पर भक्ति, ज्ञान वैराग्य की प्राप्ति होती है। कथा के ही प्रभाव से जीवन में इन तीनों की पुष्टि होती है।

उल्लेखनीय है कि विप्र फाउंडेशन सिलीगुड़ी चैप्टर अपने सेवा मूलक कार्यों के कारण सारे देश के सर्वश्रेष्ठ चैप्टर मे गिना जाता है, श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के सादगी पूर्ण एवं समर्पित आयोजन के द्वारा सम्पूर्ण समाज को कथा कार्यों से जोड़ लिया है। न सिर्फ सिलीगुड़ी अपितु समग्र उत्तर बंगाल से भक्तजन कथा श्रवण हेतु आरहे हैं।

इस अवसर पर मुख्य यजमान श्री ज्ञानवती देवी-डॉ. टोडरमल तिवारी, स्वागताध्यक्ष जुगलकिशोर तावणिया, पण्डित ओम प्रकाश माटोलिया, पण्डित जुगल उपाध्याय, देवेश शर्मा, कैलाश शर्मा, मुरारीलाल शर्मा, छगन चोटिया, विनोद पारीक सहित विप्र फाउंडेशन के सदस्यों एवं विप्र महिला समिति के सदस्याओं की भरपूर सक्रियता देखते ही बनती है।

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