“कन्हैया लाल मर्डर केस में हत्यारे बीजेपी के सक्रिय सदस्य थे”

जयपुर। राजस्थान में चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुद्दे उछालने की होड़ तेज हो गई़ है।शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने उदयपुर में पिछले साल टेलर कन्हैया लाल की हत्या का मामला उठाया। ‘द हिंदू’ ने इस मामले में अमित शाह के आरोपों और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जवाबी हमले की विस्तृत रिपोर्ट छापी है। द हिंदू के मुताबिक़ अमित शाह ने कहा कि अगर राजस्थान सरकार ने कन्हैया लाल मर्डर केस में स्पेशल कोर्ट का गठन किया होता तो हत्यारों को अब तक फांसी हो चुकी होती। वहीं, अशोक गहलोत ने कहा कि हत्यारे बीजेपी के सक्रिय सदस्य थे। ये पता लगाना चाहिए कि उन्हें मदद करने वाले बीजेपी के नेता कौन थे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शाह के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा , “अमित शाह झूठ बोल रहे हैं कि कन्हैया लाल के हत्यारे रियाज़ अत्तारी और गौस मोहम्मद को एनआईए ने पकड़ा। सच तो ये है कि वारदात के चार घंटे के अंदर इन लोगों को राजस्थान पुलिस ने धर दबोचा था। गहलोत ने उस शासकीय आदेश की प्रति पोस्ट की, जिसमें 2 जुलाई 2022 को मामले को राजस्थान पुलिस से एनआईए को सौंपने का जिक्र है।

गहलोत ने कहा, “अमित शाह को शायद ये अच्छी तरह पता होगा कि ये हत्यारे बीजेपी के सक्रिय सदस्य थे। उन्हें ये जांच करवाना चाहिए कि बीजेपी के वो नेता कौन थे जिन्होंने इन दोनों की मदद की थी। कौन इन लोगों के लिए पुलिस थाने में फोन कर रहा था। ये मर्डर का साफ मामला है। फिर चार्जशीट दाखिल करने में इतनी देर क्यों हुई और अब तक उन्हें सजा क्यों नहीं मिली है।

जून 2022 में उदयपुर में दो लोगों ने गला रेत कर टेलर कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी। कन्हैया लाल पर सोशल मीडिया में इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था। कहा गया कि हमलावरों ने इसी वजह से कन्हैया लाल की हत्या की थी। हमलावरों को हत्या के कुछ ही घंटों के बाद गिरफ़्तार कर लिया गया था।

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