नयी दिल्ली। गंगा नदी की बहदाल स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बुधवार को राज्यसभा में गंगा की स्वच्छता से संबंधित राष्ट्रीय गंगा परियोजना पर सवाल उठाया गया। कांग्रेस के कुमार केतकर ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह विषय उठाते हुए कहा कि सरकार ने कहा था कि इस परियोजना के तहत गंगा को वर्ष 2019 तक पूरी तरह स्वच्छ कर दिया जायेगा लेकिन गंगा की हालत अभी भी बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि इसके लिए बनायी गयी संस्था की अध्यक्षता स्वयं प्रधानमंत्री कर रहे हैं इसके बावजूद हालत सही नहीं है। सदस्य ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान गंगा शव वाहिनी की तरह दिखाई दी।
उन्होंने कहा कि गंगा को साफ करने के लिए पैसा खर्च करने के बजाय पूजा पाठ पर खर्च ज्यादा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह सरकार से जानना चाहते हैं कि इस परियोजना के लिए कितनी राशि आवंटित की गयी थी और अब तक कितनी राशि खर्च की जा चुकी है। कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने पाकिस्तान की समुद्री एजेन्सियों द्वारा गुजरात के मछुआरों को गिरफ्तार किये जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक सप्ताह में पाकिस्तानी एजेन्सियों ने गुजरात की तीन नौकाओं तथा 27 मछुआरों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने कहा कि इन मछुआरों को जेलों में बंद कर दिया जाता है और उनकी नौकाओं के उपकरणों को चुरा लिया जाता है। इससे लाखों रूपये का कर्ज लेकर नौका बनाने वाले मछुआरे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी पाकिस्तान की जेलों में 643 मछुआरे बंद हैं और सरकार को किसी भी तरह से इनकी रिहायी का प्रबंध करना चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जोश के मणि ने केरल में जंगली पशुओं के आतंक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक हाथी ने हाल ही में अपने माता पिता के साथ जा रही लड़की को सड़क पर सबके सामने मार दिया।
राजद के ए डी सिंह ने अफगानिस्तान के छात्रों को वीजा दिये जाने का विषय उठाते हुए कहा कि अफगान के लोगों की भारत के प्रति सद्भावना है और इसलिए भारत को इनकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना में अफगानियों की एक रेजिमेंट बनाकर उन्हें कश्मीर में तैनात किया जा सकता है। मार्क्सवादी वी शिवदासन ने कोविड के समय में छात्रों के लिए फैलोशिप कम होने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे पहले से संकट झेल रहे छात्रों की दुश्वारियां बढ गयी हैं। भाजपा की सीमा द्विवेदी ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर का तैलचित्र ससंद में लगाये जाने की मांग की। भाजापा के ही ब्रजलाल द्विवेदी ने पुलिस पदकों के साथ दी जाने वाली राशि को बढाये जाने का मुद्दा उठाया।