अंतरंग में लेखक-समीक्षक जुगलबंदी कार्यक्रम सम्पन्न

सुधीर श्रीवास्तव, नागपुर । विदर्भ हिन्दी साहित्य सम्मेलन, नागपुर के उपक्रम अंतरंग महिला चेतना मंच के पाक्षिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में मंगलवार को लेखक-समीक्षक जुगलबंदी शीर्षक के अन्तर्गत एक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जो सृजन का सम्मान करने के उद्देश्य के तहत रचा गया था। कार्यक्रम का शुभारम्भ मीरा जोगलेकर द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में एल.ए.डी. कॉलेज की सहायक प्राध्यापिका एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी वाणी सोनवणे उपस्थित थीं।

लेखक-समीक्षक जुगलबंदी में आठ लेखिकाओं की पुस्तकों क्रमशः ‘कोलाज जिंदगी का’ (निर्मला पांडे), ‘पलाश’ (अलका देशपांडे), ‘मधुकाव्य’ (मधु सिंघी), ‘कभी धूप कभी छाँव’ (नंदिता सोनी), ‘सुधा सत्सई’ (सुधा राठौर), ‘सलिलम् सलिलम्’ (आरती सिंह एकता), ‘ग़ज़ल सोचती है’ (माधुरी राऊलकर) और ‘ढाई आखर’ (रीमा दीवान चड्ढा) की समीक्षा की गई। समीक्षकों में क्रमशः रूबी दास, किरण हटवार, प्रभा मेहता, सुनीता केसरवानी, श्रद्धा भारद्वाज, निर्मला सुरेन्द्रन के साथ रश्मि मिश्रा, इंदिरा किसलय और डॉ. शीला भार्गव ने पुस्तकों तथा लेखिकाओं के साथ पूर्ण न्याय किया।

कार्यक्रम का शानदार संचालन शगुफ्ता यास्मीन क़ाज़ी ने किया और रंजना श्रीवास्तव ने आभार प्रदर्शन की रस्म निभा कर इस परिकल्पना का उद्देश्य स्पष्ट किया। नीलम शुक्ला, संतोष बुधराजा, रत्ना जायसवाल, रेशम मदान, पूनम मिश्रा, मुकुल अमलास, माधुरी मिश्रा मधु, लक्ष्मी वर्मा, आरती पाटिल, नंदा वज़ीर, माया शर्मा, चंदा कुलसंगे, सुषमा भांगे, पुष्पा पांडे आदि की प्रमुखता से उपस्थिति रहीं। अंतरंग महिला चेतना मंच की संयोजिका सुनीता गुप्ता व सह संयोजिका डॉ. स्वर्णिमा सिन्हा का सहयोग रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 − 1 =