शिक्षक भर्ती घोटाला : हाई कोर्ट ने एसआईटी भंग करने का निर्देश दिया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की जांच में सीबीआई के अधिकारी कोताही बरत रहे थे। इसे लेकर नाराज न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने केंद्रीय एजेंसी की भूमिका को लेकर बेहद नाराजगी जताई। उन्होंने सीबीआई के अधिवक्ता को फटकार लगाते हुए इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को भंग करने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने कहा कि एसआईटी में जो सदस्य हैं, उनमें से दो अधिकारी बेहद लचर आचरण कर रहे हैं इन्हें तुरंत हटाया जाए और इनकी जगह चार नए सदस्यों को एसआईटी में शामिल किया जाएगा।

उन्होंने एसआईटी में सीबीआई के पूर्व डीआईजी अखिलेश सिंह को शामिल करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश फिलहाल चाहे जहां हों, लेकिन सीबीआई को उन्हें सात दिनों के भीतर कोलकाता भेजकर जांच की जिम्मेवारी सौंपनी होगी। खास बात यह है कि जिन दोनों अधिकारियों को हटाया गया है वे अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। इनके नाम हैं रिसिनमूल और इमरान आशिक।

कोर्ट ने कहा कि अखिलेश सिंह के नेतृत्व में तुरंत नई एसआईटी गठित करनी होगी जिसमें चार नए सदस्यों को शामिल किया जाएगा। ये सदस्य हैं डिप्टी एसपी अंशुमान साहा, विश्वनाथ चक्रवर्ती, प्रदीप त्रिपाठी और वसीम अकरम खान। जांच की गति को लेकर असंतोष जाहिर करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सीबीआई बेहद धीमी गति से और लचर अप्रोच के साथ काम कर रही है। नवंबर महीने में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे।

जून महीने में एसआईटी गठित हुई। ग्रुप डी में कुल 542 लोगों को अवैध तरीके से नौकरी देने का आरोप है अभी तक केवल 16 लोगों से पूछताछ हुई है। जल्द से जल्द पूछताछ पूरी करनी होगी। उन्होंने कहा कि डीआईजी अखिलेश सिंह कोलकाता आएंगे और उन्हीं के नेतृत्व में एसआईटी जांच करेगी। सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि अखिलेश फिलहाल दिल्ली में तबादले पर हैं जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि सात दिनों के भीतर उन्हें कोलकाता भेजना होगा। जांच वही करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *