प्रतिभा जैन की कविता : नौका विहार

।।नौका विहार।। नौका विहार मैं तेरे संग करूंगी, चांदनी रात आज पिया जी के नाम

प्रतिभा जैन की कविता : साक्षरता

।।साक्षरता।। अपनी बिखरी सी ज़िंदगी साक्षरता की ओर समेट रही हूं कभी किसी पन्ने में

प्रतिभा जैन की कविता : वीर

।।वीर।। ये आंखों ने इशारे करना छोड़ दिया। वीर तुम्हारी भक्ति से अपने को जोड़