गोपाष्टमी पर विशेष… गावो विश्वस्य मातर:
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। ‘गावो विश्वस्य मातरः’- अर्थात् ‘गाय ही सम्पूर्ण विश्व की माता है’-
छठ पूजा विशेष : “उगहूँ सुरुज देव अरग के बेर”
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। स्वच्छता और प्रकाश से संबंधित ‘पंच दिवसीय दीपावली पर्व’ की पूर्णता
भोजपुरी “बटोहिया गीत”- “सुंदर सुभूमि भइया भारत के देशवा” के अमर रचनाकार रघुवीर नारायण जी की जयंती पर विशेष
श्री राम पुकार शर्मा, हावड़ा। ‘सिर पर पटीदार गोल टोपी, उन्नत भव्य ललाट पर उभरी
बंगाल : महाकवि कृतिबास ओझा रचित कृतिबास रामायण
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। बंगाल की शस्य-श्यामला व महामानव प्रसूति पावन भूमि, न केवल भारतीय
जयंती विशेष : गोस्वामी तुलसीदास जी और उनका ‘श्रीरामचारितमानस’
श्रीराम पुकार शर्मा हावड़ा। ‘तुलसी-जयंती’ के पावन शुभ्र दिवस पर प्रातः स्मरणीय भक्त-प्रवर गोस्वामी तुलसीदास
संस्कृत में रचित दिव्य ‘अनुलोम-विलोम काव्य’ ग्रंथ ‘राघवयादवीयम्’
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। अक्षरतः यह शास्त्र सम्मत सत्य है कि ज्ञान-विज्ञान की किरणें सर्वप्रथम
गुरु पूर्णिमा पर विशेष : गुरु-सम्मान
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। आज कई दिनों के बाद अचानक उनसे मेरी नजरें मिल गयीं।
बरषा काल मेघ नभ छाए, गरजत लागत परम सुहाए
श्री राम पुकार शर्मा, हावड़ा। प्रकृति सर्वदा से ही मानव सहित समस्त चराचरों के पल-पल
देखो खिल-खिल मुस्काता कदम्ब फूल
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। कदंब का पेड़, जिसे ‘प्रेम का वृक्ष’ भी कहा जाता है।
मातृ दिवस विशेष : ‘माता गुरुतरा भूमे:’
श्रीराम पुकार शर्मा, हावड़ा। ‘माता गुरुतरा भूमे:’ अर्थात ‘माता भूमि से भी अधिक भारी होती