घटनाओं को निष्पक्ष नजरिये से देखेने की जरूरत
मैं हर घटना को भीड़ का हिस्सा बनकर भीड़ की दृष्टि से नहीं देखता। इसके
प्रवासियों के लिए आगे कुआं पीछे खाई
आज पूरे देश के विभिन्न राज्यों में जितने भी प्रवासी मजदूर लॉक डाउन के दौरान
देश के सबसे बड़े हिंदी पट्टी यूपी में ही हिंदी कमजोर
आज कलम के जादूगर, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती पर बहुत ही दुःख
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राजनीतिक पहचान के लिए भटकता बिहार का दलित पान समाज
एक सभ्य समाज के लोगों में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का होना बहुत ही जरूरी
रोजगार विहीन बिहार और पलायन
इस बार के 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा “रोजगार विहीन बिहार और पलायन
बन्द हो राज्य सरकारों की नौटंकी
समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध। जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके
आस की टकटकी लगाये बैठे प्रवासी बिहारी मजदूर
आज पूरे देश के विभिन्न राज्यों में जितने भी प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं उनमें
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