डॉ. आर. बी. दास की कलम से

।।अपने तरीके से।। डॉ. आर. बी. दास कुछ आते हैं कुछ जाते हैं, कुछ सुनते

डॉ. आर.बी. दास की कलम से…

यू ही नहीं जागती है, रात भर ये आंखे, मां पापा को संघर्षों से, जूझते

डॉ. आर.बी. दास की कलम से

।।मोहब्बत का अखबार आया है।। डॉ. आर.बी. दास सुबह सबेरे आंखों की दहलीज पर आया

डॉ. आर.बी. दास की कलम से

।।दर्द।। डॉ. आर. बी. दास कभी साथ बैठिए… तो कहूं कि दर्द क्या है… अब

डॉ. आर.बी. दास की कलम से

।।कहीं खो गया हूं।। डॉ. आर.बी. दास कहीं खो गया हूं इसलिए खुद को ढूंढने

डॉ. आर.बी. दास की कलम से…

।।रह गए।। डॉ. आर.बी. दास कुछ कहना चाहते थे हम, लफ्ज मुंह में ही रह

डॉ. आर.बी. दास की कलम से…

कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में, ये जिंदगी है यारो, पल पल घटेगी !!

डॉ. आर.बी. दास की कलम से…

।।इलेक्शन।। डॉ. आर.बी. दास इस इलेक्शन के दौड़ में, कहां कोई इंसान नजर आता है…

डॉ. आर. बी. दास की कलम से…

जानता हूं कि… कुछ कमियां तो है मुझमें भी, क्योंकि मैं कोई भगवान नही, गर

डॉ. आर.बी. दास की कविता : नारी

।।नारी।। डॉ. आर.बी. दास जब मैंने जन्म लिया वहां “एक नारी” थी, जिसने मुझे थाम