ऊषा जैन उर्वशी की रचना : बोलो श्याम
।।बोलो श्याम।। ऊषा जैन उर्वशी झाँक धरा पे ओ कृष्ण कन्हाई कैसी स्वार्थ की आँधी
डॉ. आर.बी. दास की कविता : शुक्रिया
।।शुक्रिया।। डॉ. आर.बी. दास शुक्रिया उन लोगों का जो मुझसे नफरत करते हैं, क्योंकि उन्होंने
डॉ. आर.बी. दास की कविता
रास्ते पर गति की सीमा है, बैंक में पैसों को सीमा है, परीक्षा में समय
डॉ. विक्रम चौरसिया की कविता : जागो युवाओं, बुलंद अपनी आवाज करो
।।जागो युवाओं, बुलंद अपनी आवाज करो।। डॉ. विक्रम चौरसिया सुनो, राष्ट्र निर्माताओं यह आखिर कैसी
डॉ. आर.बी. दास की कलम से
।।जिंदगी।। डॉ. आर.बी. दास जो है जैसी है मेरी जिंदगी है, हां थोड़े तकलीफों से
डॉ. आर. बी. दास की कलम से
।।अपने तरीके से।। डॉ. आर. बी. दास कुछ आते हैं कुछ जाते हैं, कुछ सुनते
डॉ. आर.बी. दास की कलम से…
यू ही नहीं जागती है, रात भर ये आंखे, मां पापा को संघर्षों से, जूझते
डॉ. आर.बी. दास की कलम से
।।मोहब्बत का अखबार आया है।। डॉ. आर.बी. दास सुबह सबेरे आंखों की दहलीज पर आया
डॉ. आर.बी. दास की कलम से
।।दर्द।। डॉ. आर. बी. दास कभी साथ बैठिए… तो कहूं कि दर्द क्या है… अब
डॉ. आर.बी. दास की कलम से
।।कहीं खो गया हूं।। डॉ. आर.बी. दास कहीं खो गया हूं इसलिए खुद को ढूंढने