डॉ. आर.बी. दास की रचना
लोग डूबते हैं तो पानी को दोष देते हैं, मंजिल न मिले तो किस्मत को
डॉ. आर.बी. दास की कविता : वक्त नहीं लगता
।।वक्त नहीं लगता।। डॉ. आर.बी. दास घर बनाने में वक्त लगता है, पर मिटाने में
डॉ. आर.बी. दास की कविता : राही
।।राही।। डॉ. आर.बी. दास जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे, कहीं प्यार तो कही तकरार
डॉ. आर.बी. दास की कविता
अंधों को अंधेरे से कोई फर्क नहीं पड़ता, उगते सूरज से भी कोई फर्क नहीं
डीपी सिंह की रचना : आन्दोलन
।।आन्दोलन।। डीपी सिंह माना, कुछ उपलब्धि देश ने आन्दोलन से पाई है पर इसकी औलादों
डीपी सिंह की रचनाएं
।।नेता निर्माण प्रक्रिया।। डीपी सिंह नर जन्म तो है, ईश्वर की रचना पर है अजूबा,
डीपी सिंह की रचनाएं
।।आज का कटु सत्य।। डीपी सिंह अंधी देवी को दिया, हाथों में तलवार लाठी चौकीदार
डॉ. आर.बी. दास की कविता : दोस्त अब थकने लगे है
।।दोस्त अब थकने लगे है।। डॉ. आर.बी. दास किसी का पेट निकल आया हैं, किसी
डॉ. आर.बी. दास की कविता : मुसीबत में कोई नही
।।मुसीबत में कोई नही।। डॉ. आर. बी. दास सीता के रखवाले राम थे, जब हरण
डॉ. आर. बी. दास की कविता
इंसान हैं लेकिन फर्क सिर्फ इतना है, कुछ जख्म देते हैं, कुछ जख्म भरते हैं।