डॉ. आर.बी. दास की रचना…

थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं, जज्बात लिखूं या फिर हालात लिखूं, यार के यारी

डॉ.आर.बी. दास की कलम से…

“व्यवहार” घर का शुभ “कलश” है, और “इंसानियत” घर की “तिजौरी” है! “मधुरवाणी” घर की

डॉ. आर.बी. दास की रचना : जो दिल कहे

।।जो दिल कहे।। डॉ. आर.बी. दास जिंदगी में कोई साथ दे या ना दे, मगर

डॉ. आर.बी. दास की कविता

बातों में नादानियां होती है मेरी, पर मैं नादान नहीं, हां कमियां भी है मुझमें

डॉ. आर.बी. दास की कलम से…

डॉ. आर.बी. दास की कलम से सब झूठे रिश्ते नाते हैं, सब दिल रखने की

आर.बी. दास की कविता : कल का क्या भरोसा

।।कल का क्या भरोसा।। आर.बी. दास किसी की जिंदगी छोटी, तो किसी की बड़ी होती

डी.पी. सिंह की रचना

जय राम का उद्घोष करती राम की सेना चली। सुग्रीव अङ्गद ऋक्षपति हनुमान – से

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डॉ. आर.बी. दास की कविता : ऐ जिंदगी

।।ऐ जिंदगी।। डॉ. आर.बी. दास ऐ जिंदगी तेरा शुक्रिया… तूने कई बार भ्रम को मेरे

डॉ. आर.बी. दास की कविता : मैने सीखा है

।।मैने सीखा है।। डॉ. आर.बी. दास मैने दिल तोड़ना नहीं दिल रखना सीखा है… मैने

डॉ. आर.बी. दास की कविता : अपनी उम्र का मजा लीजिए

।।अपनी उम्र का मजा लीजिए।। डॉ. आर.बी. दास खतरे के निशान से ऊपर बह रही