यात्रा वृत्तांत : आपातकालीन सीट
मेरी मुलाकात तुमसे रेलगाड़ी के सफ़र दौरान हुई। मेरी रिजर्व्ड सीट पर तुम बैठी थी।
श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : नेकी कर दरिया में डाल
नेकी कर दरिया में डाल “क्यों बाबू श्यामलाल जी! इसी को न कहते हैं ‘नेकी
श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : ‘दहेज दानव’
शादी-ब्याह को व्यापार का रूप देने वाले दहेज लोभियों की दानवी मनोवृति को दर्शाती यह
श्रीराम पुकार शर्मा की हास्य-व्यंग्य लेख : भाग कोरोना भाग रे
भाग कोरोना भाग रे (लम्बी है, पर अतिरोचक हास्य-व्यंग्यात्मक) चुकी ‘लॉकडाउन’ की लगातार भयावह स्थिति
श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : राम नाम सत्य है
राम नाम सत्य है ‘बापू! पैसे दो न। हम भी फटाका खरीदेंगे। वो पास के
श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : पानी रे! तेरा रंग कैसा?
पानी रे! तेरा रंग कैसा? पंडित कैलाशनंदन जी कुछ दिन पूर्व ही अपनी सेवा से
श्रीराम पुकार शर्मा की कहानी : गंगा ! तेरी गोद में
गंगा ! तेरी गोद में सुबह का छः बजा होगा। चौसा पुलिस थाना में फोन
“भागीरथी यात्रा ” : (कहानी) :– श्रीराम पुकार शर्मा
पैसठ वर्षीय मुलेसर चाचा अपने घर के बाहर मिट्टी के बने चबूतरे पर बैठे किसी
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“बिदाई ” : (कहानी) :– श्रीराम पुकार शर्मा
‘जब तक सूरज चाँद रहेगा, बिराज तेरा नाम रहेगा‘…. ‘भारत माता की जय’ की गगन
“दहेजुआ साइकिल” : (कहानी) :– श्रीराम पुकार शर्मा
आज ही मेरे कुंवर साहब (एकमात्र पुत्र) एक बेशकीमती ‘रॉयल इन्फिल्ड बुलेट 350’ फटफटिया खरीद