हर्ष फायरिंग पर रोक लगाए सरकार
राज कुमार गुप्त। अक्सर सुनने या देखने में आता है कि अमुक जगह शादी या
या दिल की सुनो दुनिया वालो या मुझको अभी चुप रहने दो
कहो भी क्या कहना है, अब बोलते क्यों नहीं। नानी मर गई है क्या? ये
घटनाओं को निष्पक्ष नजरिये से देखेने की जरूरत
मैं हर घटना को भीड़ का हिस्सा बनकर भीड़ की दृष्टि से नहीं देखता। इसके
जब पढ़ाई और काम ऑनलाइन हो सकता है तो चुनाव प्रचार क्यों नहीं?
होना तो यही चाहिए था कि निर्वाचन आयोग कोरोना की गंभीर स्थितियों को देखते हुए
कोरोना संकट : लोकतंत्र के नाम पर भीड़तंत्र पर रोक लगाना जरूरी
देश में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के मद्देनजर पश्चिम बंगाल के अंतिम चार
आखिर क्यों दुर्व्यवहार की शिकार हो रही है देश में महिलाएँ?
21वी सदी में बेटियां जहाँ एक ओर कामयाबी की नित नई सीढ़िया चढ़ रही है,
खुद को आईने में देखना
लोग अपनी पुस्तक के पहले पन्ने पर अपने बारे में लेखन और किताब की बात
विश्व कल्याण नहीं खुदगर्ज़ी में अंधे हम लोग
सोच कर दिल घबराता है कि हम कहां से चले थे हमको किधर जाना था
कांच का लिबास संग नगरी
उनकी नकाब हट गई तो उनका असली चेहरा सामने आएगा जो खुद उन्हीं को डराएगा।
हम जड़ता में जकड़े लोग (तर्कहीन समाज)
दुनिया अनुभव से सबक सीखती है और अनावश्यक अनुपयोगी अतार्किक बातों से पल्ला झाड़कर सही