नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम पूरक सूची में दर्ज करीब 21 लाख लोगों को आधार नंबर जारी करने की मांग संबंधी एक याचिका पर सोमवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति यू. यू. ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की खंड पीठ ने तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की याचिका पर केंद्र सरकार, असम सरकार और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को नोटिस जारी अपना जवाब देने को कहा। देव ने अपनी याचिका में कहा है कि लगभग 21 लाख लोगों को आधार कार्ड जारी नहीं किए गए हैं। इस वजह से वे इनसे जुड़ी जरूरी सुविधाओं के लाभ से वंचित हैं।

याचिकाकर्ता का कहना है कि आधार कार्ड जारी नहीं किया जाना उन नागरिकों को संविधान की धारा 14 के तहत प्राप्त अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि असम में एनआरसी की 31 अगस्त 2019 की अंतिम पूरक सूची में नाम शामिल किए जाने के बावजूद अब तक करीब 21 लाख लोगों को आधार नंबर जारी नहीं किए गए हैं। इन नागरिकों के आधार नंबर सरकार के विभिन्न दावों और आपत्तियों के निपटान करने का हवाला देते हुए रोके गए हैं।

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