खड़गपुर : सुंदरवन भारत के नक्शे के एक बड़े हिस्से को कवर करता है। जहां रहते हैं विश्व प्रसिद्ध रॉयल बंगाल टाइगर। नदी और समुद्र से घिरे इस सुंदरवन क्षेत्र में बहुत से लोग मछली, केकड़ा, शहद और सीप आदि लेने के लिए सुंदरवन जंगल के गहरे क्षेत्र में चले जाते हैं। इनमें बहुत से लोग बाघों के हमलों का शिकार हो कर जान गंवा बैठते हैं। पिछले कुछ वर्षों में बाघों के हमलों से होने वाली मौतों की संख्या में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। तीन साल पहले स्वर्णदीप चैरिटेबल ट्रस्ट के अधिकारियों ने ऐसे बेसहारा परिवारों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया था।
उन्होंने मासिक बाघ विधवा भत्ता योजना शुरू की। कुछ दिन पहले इस मासिक भत्ता योजना का तीसरा साल खत्म हो गया है। परियोजना की वर्षगांठ के अवसर पर, स्वर्णदीप ट्रस्ट के अधिकारियों ने प्रत्येक को मासिक बाघ विधवा भत्ता का चेक और नए कपड़े सौंपे। यह मदद पाकर कई माताएं खुशी से रो पड़ीं और स्वर्णदीप टीम को आशीर्वाद दिया। पिछले वर्ष इस योजना में लाभार्थियों की संख्या में थोड़ी वृद्धि की गई थी और इस वर्ष भी लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि की गई है।
स्वर्णद्वीप ट्रस्ट के पदाधिकारियों अनुसार, स्वर्णद्वीप पूरे सुंदरबन में असहाय विधवा महिलाओं के साथ खड़े होने की पूरी कोशिश करेगा। जिसमें लक्स बगान, परशमणि जैसे गाँव भी शामिल हैं जहाँ अभी तक कुछ असहाय माताओं तक कोई मदद नहीं पहुंची है। स्वर्णदीप टीम के निदेशकों में से एक अविभाजित मेदिनीपुर जिले के गोपीबल्लभपुर के मूल निवासी श्रीकांत बधूक ने कहा कि वे शुभचिंतकों की मदद से इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।