मजबूत विपक्ष भी है जरूरी

अमितेश कुमार ओझा

चुनाव के दिन अब ५ राज्यों में नजदीक आते जा रहे है। सभी पार्टियां जोर शोर के साथ चुनावी प्रचार में लग गए है । चाहे कोई भी राजनीतिक दल अंपनी सरकार बनाए लेकिन लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष का होना अनिवार्य है जो सरकार द्वारा उठाए गए गलत कदम का विरोध करे । मुझे आज भी याद है जब मैं ११ वी की क्लास में पढ़ता था तब हमसे हमारे अर्थशास्त्र की मैडम रुपए की वैल्यू पूछा करती थी । उस समय केंद्र में डॉक्टर मनमोहन सिंह जी की सरकार थी। हर रोज रुपए के मूल्य में वृद्धि के कारण विपक्ष हमेशा उसका विरोध करती थी।

अर्थव्यवस्था डगमगा चुकाचुकी है लेकिन आज दिन – प्रतिदिन गैस सिलिंडर के दामों में वृद्धि हो रही है। डॉक्टर मनमोहन सिंह जी विश्व के प्रख्यात इकोनॉमिस्ट में से एक है। ठीक आज उनके विपरीत परिस्थिति देश को देखना पड़ रहा है। मंहगाई अपनी चरम सीमा पर है ,गैस के दाम ४०० से ८०० में पहुंच चुके है ,पेट्रोल ६० से १०० में पहुंच चुका है लेकिन इसका पूर्ण विरोध कहीं भी अच्छे तरीके से नजर नहीं आ रहा है जिसका कारण देश में कमजोर विपक्ष का होना है। ठीक वैसे ही राज्यो में भी एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है जो सरकार द्वारा उठाए गए गलत कदमों का पुरजोर विरोध करे और सत्ता पक्ष को उसकी गलतियों का अहसास कराए।

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