कोलकाता। कोलकाता का धर्मतल्ला में जहां सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का शहीद दिवस कार्यक्रम होता है वहीं भारतीय जनता पार्टी की मेगा रैली आगामी 29 नवंबर को होनी है। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह शामिल होंगे। नियमानुसार भाजपा ने कार्यक्रम से 15 दिन पहले आवेदन किया था। छह नवंबर को भाजपा की ओर से कोलकाता पुलिस के पास आवेदन कर दिया गया था लेकिन पुलिस ने एक कंप्यूटर जेनरेटेड स्लिप दिखाकर अनुमति देने से इनकार कर दिया।
स्लिप में समय बीत जाने के बाद आवेदन का दावा किया जा रहा था जबकि भाजपा के पास पुलिस की ओर से आवेदन की रिसीविंग छह नवंबर की है। इसके आधार पर कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा में सोमवार को ही अमित शाह की जनसभा को अनुमति दी थी। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे और कहा था कि स्वतंत्र देश में कोई कहीं भी जा सकता है और ऐसी कोई भी जगह जो सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील नहीं हो, वहां जनसभा कर सकता है।
बावजूद इसके कोलकाता पुलिस ने तकनीक का दुरुपयोग किया है। अब हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में याचिका लगाई है। मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम की खंडपीठ में राज्य सरकार की ओर से याचिका लगाकर हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। इस पर जल्द सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के फंड को लेकर दिल्ली में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसी के जवाब में भाजपा भी उन लोगों को लेकर कोलकाता में मेगा रैली करने वाली है जो मनरेगा के वास्तविक अधिकारी हैं लेकिन उनकी जगह उन लोगों को काम दिया जा रहा है जो सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं।