अटल बिहारी वाजपेई जी की पुण्यतिथि पर विशेष…

“सत्ता का खेल तो चलेगा, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियाँ बनेंगी-बिगड़ेंगी। मगर ये देश रहना चाहिए। इसका लोकतंत्र अमर रहना चाहिए।” -अटल जी

विनय सिंह बैस, नई दिल्ली । बात 1994-95 की है। तब मैं कानपुर में रहकर बीएनडी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रहा था। एक रोज मुझे किसी से सुनने में मिला अटल जी का भाषण किदवई नगर चौराहे पर होने वाला है। हालांकि मुझे कॉलेज जाने में विलंब हो रहा था लेकिन फिर भी मैं अटल जी को सुनने का लोभ संवरण न कर सका।

अटल जी क्या बोलते थे!
सम्मोहन था उनकी वाणी में!! उनका वह लंबे-लंबे विराम, अंतराल लेकर बोलना। हाथ की विभिन्न भंगिमाओं से भावों को प्रकट करना। विरोधियों का नाम लिए बिना उन पर नफासत से वार करना। जनता से सीधा संवाद करना, श्रोताओं से कनेक्ट करने का दुर्लभ कौशल था उनमें। सब कुछ कितना अद्भुत था, अविस्मरणीय था!!

फैन तो उनका मैं पहले से ही था, उस दिन से उनकी वक्तृत्व कला का भी कायल हो गया था। अटल जी कवि भी थे। शब्द और वाणी के महत्व को भलीभांति समझते थे। इसलिये बोलने से पहले शब्दों को कई बार तोलते थे। शायद इसीलिए अपने व्यक्तिगत जीवन में और राजनीति के दलदल में रहकर भी वे ताउम्र अजातशत्रु बने रहे।

अमेरिका सहित संपूर्ण विश्व को गच्चा देकर पोखरण परमाणु विस्फ़ोट करना, स्वर्ण चतुर्भुज योजना, पहली गैर कांग्रेसी सरकार को पांच वर्ष चलाना, UNO में उनका हिंदी में दिया भाषण, विदेश मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल, लगभग पारदर्शी प्रशासन आदि उनकी प्रमुख उपलब्धियां थी। एक वोट खरीदने के बजाय सरकार कुर्बान कर देने तथा जोड़तोड़ की सरकार को चिमटे से न छूने की बात कहने का साहस बस उनमें ही था।

हालांकि कंधार विमान कांड, कारगिल युद्ध, संसद पर हमला, पुरानी पेंशन खत्म करना, जातिगत आरक्षण में न्यूनतम अंको की बाध्यता समाप्त करना, प्रमोशन में आरक्षण, माया, ममता, जयललिता के दबाव में कई बार झुक जाना उनकी सरकार की विफलताएं थी।

इसके अलावा सेक्युलरिज्म का प्रभावी और दीर्घकालिक उपचार करने वाले तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री माननीय मोदी की खुले आम मंच से आलोचना करके उन्होंने अपनी कालजयी पंक्तियों “तन मन हिंदू” को महज कविता साबित कर दिया।

इस सबके बावजूद अटल जी जैसे विराट व्यक्तित्व वाला करिश्माई जन नेता भारतीय राजनीति में विरले ही हैं। उनके जाने से शुचिता पूर्ण भारतीय राजनीति के एक युग का अवसान हो गया है।

भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह, जन नायक, आदर्शवादी राजनेता, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल जी को उनकी पुण्यतिथि पर ठाकुर विनय सिंह बैस की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि।

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